नोएडा : गया था फरियाद करने मिला बेइज्जती, उल्टे पाँव लौटा वेंडर।

नोएडा प्राधिकरण और नोएडा में फुट पाथ पर कार्य करने वाले वेंडर नोएडा से लेकर माननीय उच्च न्यायालय तक आमने सामने है यह तो जगजाहिर है। लेकिन अब मामला एक दूसरे को नीचा दिखाने तक पहुँच गया है। हालांकि कई बार माननीय न्यायालय नें भी प्राधिकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार और ढुलमुल रवैया को लेकर तल्लख टिप्पणि कर चुकी है। इसके बावजूद नोएडा प्राधिकरण के कार्यशैली में कोई फर्क नही पड़ता दिख रहा है।

नोएडा सेक्टर 51 में पान की दुकान लगाकर रोजी रोटी कमाने वाले पिंटू चौरसिया नें आज प्राधिकरण के सीओ को एक पत्र लिखा है जिसमें प्राधिकरण के एसीओं के द्वारा एक वेंडर के किए गए दुर्व्यवहार को लेकर जो लिखा गया है वह अपने आप में निंदनीय है। हालांकि इसका दूसरा पक्ष नही मिला है दूसरा पक्ष मिलने के बाद ही पता चल पायेगा कि आखिर एक वेंडर के साथ ऐसा व्यवहार प्राधिकरण में बैठे अधिकारियों के लिए कितने शोभनीय है।

पिंटू चौरसिया कन्ट्रोल संख्या 776 अपना पान की दुकान नोएडा सेक्टर 51 में मदर डेरी के पास लगाते है। पिछले साल नवंबर माह में उनका दुकान प्राधिकरण के द्वारा उठा लिया गया। एक मात्र रोजी रोटी का साधन है। बीते दो महीने के बाद भी वेंडर का दुकान नही छोड़ा जा रहा है। इसी संबंध में पिंटू चौरसिया अपना फरियाद लेकर नोएडा प्राधिकरण के सीओं के दरबार में पहुंचा। लेकिन व्यस्त होने के कारण उनको एसीओं के पास में भेज दिया गया ।

पीड़ित वेंडर के अनुसार आफिस मे घुसते ही एसीओं के द्वारा उनको धमकाया गया और यह कहा गया कि यहाँ से निकल जाओं नही तो पिटवा दिए जाओगे। मै एक वेंडर हू मेरा बस इतना गुनाह है कि हमने प्राधिकरण से लाइसेंस प्राप्त किया हुआ है। इसी का सजा हमे मिल रहा है। मै तो अपने जब्त सामान छोड़े जाने के लिए फरियाद लेकर पहुँचा था, जो कि मेरा रोजी रोटी है और परिवार चलाने के लिए एक मात्र जरिया है। दो महीने से मेरा दुकान बंद है लेकिन प्राधिकरण हमसे किराया ले रही है।

मौके पर वेंडिंग जोन में जाकर निरीक्षण करने के लिए ओएसडीआई ने वर्क सर्किल जैई को आदेश दिया था । मै पाँच बजे तक इंतजार करता रहा लेकिन कोई भी निरीक्षण करने नही आया। प्राधिकरण के द्वारा जो सेक्टर 51 में जोन बनाया गया है जिसमें 93 वेंडर के लिए व्यवस्था है वहाँ पर सिर्फ एक वेंडर जो कि विकलांग वह कार्य कर रहे है।

समान उठाने के बाद से मै लगातार प्राधिकरण के चक्कर काट रहा हूँ। मेरी तलाशी ली जाती है, मुझे धमकाया जाता है। मै सिर्फ इतना जानना चाहता हूँ कि क्या वेंडर होना ही मेरा गुनाह है।