शिक्षक को लाभ पहुचाने डी सी बदल रही अपना आदेश

संभागीय उपायुक्त शहडोल ने आयुक्त के आदेश को दिखाया ठेंगा
जितेंद्र शर्मा
शहडोल—- संभागीय उपायुक्त कार्यालय शहडोल आजकल भष्ट्राचार का अखाड़ा बना हुआ है। बताया जाता है कि उपायुक्त कार्यालय शहडोल के व्दारा तथाकथित शिक्षकों को नाजायज लाभ पहुचाने के लिए वरिष्ठ कार्यालयों के आदेशों को दर किनारे करते हुए अपने मन मर्जी का राज कायम कर रखे है। बताया जाता है कि संभागीय उपायुक्त के इस कारनामे की शिकायत होने के बाद भी गलतियों को सुधारने की बजाय उन्हें संरक्षित करने के लिए अपने ही आदेशों को बदल बदल कर शिक्षक को लाभ पहुचाने का काम किया जाना निश्चित तौर पर संभागीय उपायुक्त ऊषा अजय सिंह को कठघरे में खड़ा करता दिखाई दे रहा है कि एक प्रशासनिक अधिकारी आखिर कार एक शिक्षक के लिए अपने पदीय दायित्वों को दा़व में क्यों लगा रखी है।
ज्ञात होवे कि मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के व्दारा शिक्षक संवर्ग में संलग्नीकरण समाप्त करने के लिए शिक्षा विभाग और आदिवासी विभाग को निर्देशित किये गए थे, जिसके परिपालन में आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्र स्था/04 टी (27) 2024/23422 भोपाल दिनांक 10-12-24 के माध्यम से सभी 89 विकास खंडों के जन जातीय कार्य विभाग के शिक्षक संवर्ग में संलग्न शिक्षकों को पदांकित विद्यालयों में पदांकित करने के आदेश जारी किया गया था । इस आदेश में साफ तौर पर 16-12-24 तक आवश्यक रूप से पालन करने के सख्त आदेश दिये गये थे, साथ ही यह भी निर्देश थे कि अगर इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने आदेश का पालन नहीं किया तो यही आदेश से वे कार्य मुक्त माना जायेगा। यह आदेश शहडोल संभाग के उपायुक्त के लिए कामधेनु का काम कर रहा है। आयुक्त के आदेश के पालन कराने की बजाय संभागीय उपायुक्त ऊषा अजय सिंह शब्दों के मकड़जाल से खेलते हुए संलग्नीकरण व्यवस्था को समाप्त करने की बजाय उसे आगे बढाने का काम कर रही है ‌।
ध्यान देने योग्य है कि ऐसा ही संवेदनशील मामला अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकास खंड में प्रकाश में आया है, जहाँ पर पडमनिया संकुल अंर्तगत खरसौल माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक सुरेन्द्र कुमार पटेल को हाई स्कूल बडी तुम्मी में प्रभारी प्राचार्य बनाकर पत्र कार्यालय संभागीय उपायुक्त जन जातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास शहडोल संभाग शहडोल संभा उपा / शि स्था /2024/ 1676 शहडोल दिनांक 12-3-24 के व्दारा हाई स्कूल बडी तुम्मी का प्रभार सौंपा गया् था जो कि
आयुक्त भोपाल के आदेश के बाद संभागीय उपायुक्त का आदेश स्वमेव निरस्त हो जाता है फिर भी सुरेन्द्र कुमार पटेल को बडी तुम्मी में ही पदस्थ रखने के लिए संभागीय उपायुक्त शहडोल संभाग शहडोल के व्दारा सुरेन्द्र कुमार पटेल को बडी तुम्मी में पदस्थ रखने के लिए अपने पत्र क्र/ संभा उपा / शि स्था/2025 /271 / शहडोल दिनाँक 3-3-25 के माध्यम से बडी तुम्मी में शब्दों का खेल खेलते हुए प्रभार सौप दिया गया।
खेद जनक कहा जाता है कि इस तरह की व्यवस्था गत आदेश शिक्षक विहीन विद्यालयों के लिए किये जाने के सामान्यतः प्रावधान है जबकि हाई स्कूल बडी तुम्मी में तीन शिक्षक पदस्थ होने के बाद संभागीय उपायुक्त शहडोल के व्दारा शिक्षक विशेष के लिए इस तरह के आदेश निश्चित बडे भष्ट्राचार की ओर इशारा करता है। संभागीय उपायुक्त के इस तरह की कार्यशैली पर रोक लगाये जाने की मांग आयुक्त भोपाल से की गई है। देखना लाजिमी होगा कि इस संवेदनशील मामला में क्या वैधानिक कार्यवाही की जाती है ‌

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