क्लबफूट से पीड़ित बच्चों का निःशुल्क इलाज के लिए भागलपुर भेजे गए पांच बच्चों

वीरेंद्र चौहान, समाज जागरण ब्यूरो किशनगंज।
06 नवंबर।
जिले में क्लबफूट जैसी जन्मजात विकृति से पीड़ित बच्चों के निःशुल्क उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंगलवार को पांच बच्चों को रूटीन जांच के लिए किशनगंज के सदर अस्पताल से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएलएमएनसीएच) भागलपुर भेजा गया। क्लबफूट जैसी विकृति का समय पर इलाज कराकर बच्चों को सामान्य जीवन जीने का मौका देने के उद्देश्य से यह पहल की गई है।
क्लबफूट एक जन्मजात विकृति है:
क्लबफूट एक जन्मजात विकृति है, जिसमें बच्चों के पैर अंदर की ओर मुड़े होते हैं। यह स्थिति जन्म के समय ही दिखाई देने लगती है, और इसका इलाज न हो तो बच्चों को चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है। क्लबफूट के निःशुल्क उपचार के इस अभियान में पांच बच्चों को जेएलएमएनसीएच भागलपुर भेजा गया है, जहां उनकी रूटीन जांच की जाएगी ताकि उनके उपचार की सही प्रगति का आकलन किया जा सके।
किशनगंज जिले से भेजे गए बच्चों का विवरण:
अरफा, उम्र: 1 महीना, ब्लॉक: ठाकुरगंज।
अर्कम रज़ा, उम्र: 12 महीने, ब्लॉक: ठाकुरगंज
अतिफा नाज़, उम्र: 1.5 साल, ब्लॉक: दिघलबैंक।
जोहि नाज़, उम्र: 4 साल, ब्लॉक: बहादुरगंज।
सिफत, उम्र: 2 साल, ब्लॉक: कोचाधामन।
इन बच्चों को सदर अस्पताल से जेएलएमएनसीएच भागलपुर भेजा गया, जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टर उनकी रूटीन जांच करेंगे और उनकी जरूरतों के अनुसार उपचार देंगे।
जन्मजात विकृतियों का निःशुल्क इलाज कराना हमारे विभाग की प्राथमिकता है।
किशनगंज के सिविल सर्जन, डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “क्लबफूट जैसी जन्मजात विकृतियों का निःशुल्क इलाज कराना हमारे विभाग की प्राथमिकता है। हमारा प्रयास है कि ऐसे बच्चे, जिनके पैर में जन्म से विकृति है, उन्हें समाज में सामान्य जीवन जीने का अवसर मिले। इसी उद्देश्य से जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पांच बच्चों को रूटीन जांच के लिए भेजा गया है, ताकि समय पर उनकी देखभाल और सुधार का आकलन हो सके।”
टीम इलाके का भ्रमण कर जरूरतमंद बच्चों को चिह्नित करती है।
इस पहल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम भी सक्रियता से कार्य कर रही है। आरबीएसके डीआईसी प्रबंधक सह जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने बताया, “हमारी टीम इलाके का भ्रमण कर जरूरतमंद बच्चों को चिह्नित करती है और उन्हें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करती है। हमारी टीम जरूरतमंदों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाने से लेकर, उनके बेहतर इलाज में मदद करने तक, हर कदम पर उनके साथ है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हमारी टीम तैनात है, जिसमें दो चिकित्सक, एक एएनएम और एक फार्मासिस्ट शामिल हैं। मैं जिले के सभी नागरिकों से अपील करता हूँ कि यदि उनका कोई बच्चा हृदय रोग या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो वे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र आकर हमारी टीम को जानकारी दें ताकि उनके बच्चे का पूर्णत: निःशुल्क इलाज हो सके।”
स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण उपलब्धि
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास से क्लबफूट से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को बहुत राहत मिलेगी। यह पहल न केवल बच्चों के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करेगी, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगी। आरबीएसके टीम के निरंतर सहयोग से सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी जरूरतमंद बच्चा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहे। इस प्रकार की पहल से यह सिद्ध होता है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग समाज के हर व्यक्ति के स्वास्थ्य और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।स्वास्थ्य विभाग की यह उपलब्धि न केवल चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता है, बल्कि इससे समाज के कमजोर वर्गों को भी उम्मीद की नई किरण मिली है।

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