समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को ग्राम रक्षा दल ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारियों ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) कार्यालय के सामने नारेबाजी और घेराव की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों की सख्ती के कारण वे घेराव में सफल नहीं हो सके। इस प्रदर्शन के चलते जदयू कार्यालय और मुख्यमंत्री आवास के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। ग्राम रक्षा दल के सदस्य सुबह-सुबह गर्दनीबाग धरनास्थल से निकलकर जदयू कार्यालय पहुंचे। वहां प्रदर्शनकारियों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर नारेबाजी की और सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। जदयू कार्यालय की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने पर मजबूर किया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों का अगला लक्ष्य मुख्यमंत्री आवास था। जहां चारों ओर पुलिस ने पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर सभी रास्तों को बंद कर दिया था। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को हज भवन और अन्य मुख्य मार्गों पर तैनात किया गया ताकि प्रदर्शनकारियों को सीएम आवास तक पहुंचने से रोका जा सके। सुरक्षा को देखते हुए आम वाहनों का आवागमन भी रोक दिया गया। ग्राम रक्षा दल, जिसे “बिहार राज्य दलपति एवं ग्राम रक्षा दल” भी कहा जाता है, लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करता आ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें “पुलिस मित्र” का नाम दिया था। लेकिन इनकी मांगें अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं। ग्राम रक्षा दल के सदस्य अपनी सेवा को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को केवल 4000 रुपये मासिक मानदेय मिलता है जो उनके अनुसार बहुत कम है। प्रदर्शन कारियों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों में वेतनमान, अन्य सुविधाएं और सामाजिक सुरक्षा शामिल की हैं। ग्राम रक्षा दल इससे पहले भी कई बार अपने हक के लिए प्रदर्शन कर चुका है। लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें केवल वादे दिए हैं, लेकिन उन वादों को अमल में नहीं लाया गया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने जदयू कार्यालय और मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को किसी भी महत्वपूर्ण स्थल तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया। सरकार की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। ग्राम रक्षा दल का गठन गांवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पुलिस बल को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन इन्हें उचित मानदेय और सुविधाएं नहीं मिलने के कारण यह समूह असंतोष में है। ग्राम रक्षा दल के सदस्यों की नाराजगी सरकार के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकती है। इनकी मांगें न केवल जायज हैं, बल्कि इन्हें पूरा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी भी है। सरकार को चाहिए कि इनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए। ग्राम रक्षा दल के प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया है कि अब इनकी उपेक्षा करना आसान नहीं होगा। समय पर समाधान न होने की स्थिति में यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।