जिले के अंतर्गत एक थाना क्षेत्र में इस समय यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि कोई प्राइवेट व्यक्ति कोतवाल का चालक कैसे बन सकता है अगर इस बात में सच्चाई है तो पुलिस विभाग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से चालक की भर्ती नहीं की जाती है जबकि थाने में ऐसे कई आरक्षक मौजूद हैं जो लंबे समय तक चालक की भूमिका में रहे हैं खबर यह भी है कि यह प्राइवेट व्यक्ति थाना क्षेत्र की गलत जानकारी प्रभारी के कान तक पहुंचाता है और उसके एवज में पुलिसिया धौस दिखाकर क्षेत्र में अवैध वसूली भी करता है। यह व्यक्ति का संबंध नई ऊर्जा नगरी से है और संयोग की बात यह है व्यक्ति पुरानी ऊर्जा नगरी में कार्यरत है।