जीवन मे लक्ष्य का होना आवश्यक है, लक्ष्य प्राप्ति के लिये सतत् प्रयास भी उतना ही जरूरी: मंजू



*कोर्स के बाद नियमित ज्ञान श्रवण एवं राजयोग का अभ्यास जरूरी*

समाज जागरण ब्यूरो विवेक देशमुख

बिलासपुर।प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा में जिज्ञासुओ को संबोधित करते मंजू ने अष्ट शक्तियों के बारे मे बताया। राजयोग से सहनशक्ति, समाने की शक्ति, निर्णयशक्ति, परखशक्ति, सहयोगशक्ति, समेटने की शक्ति, विस्तार को संकीर्ण करने इत्यादि शक्तियों का विकास होता है। दीदी ने कहा कि सेवाकेन्द्र से जुड़े भाई बहनों के सहयोग से ही इतनी बडी संस्था चल रही है। यहा की विशेषता है कि दानदाता के नाम का प्रदर्शन यहा नही किया जाता।
परमात्मा को गरीब नवाज क्यो कहा जाता है, यहाँ की व्यवस्था से समझ सकते है। परमात्मा कहते है कि आत्मा को निर्लेप समझना बहुत बडी भूल है। तामसिक भोजन का प्रभाव आत्मा के संस्कार पर पडता है और कर्मभोग के रूप मे भोगने पडते है।
परमात्मा कहते है संगमयुग के इस अंतिम जन्म मे सदा परमात्मा के साथ मिलन के झूले मे झूलने का अनुभव करने से परमात्मा के गुण एवं शक्तियां हमारे अंदर समाते जाती है और हम गुणो मे परमात्मा समान बन सकते है।

तैयारी में जुटे हुए हैं संस्थान के सेवाधारी

शिवानी दीदी जी के आगमन की तैयारी में दीदी व शहरवासियों के स्वागत की तैयारियां चल रही है इसके लिए संस्था के सेवाधारी तैयारियों में बहुत उमंग उत्साह से जुटे हुए हैं।