डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की सपनो पर पानी फेरती पालीगंज कृषि फॉर्म

समाज जागरण संवाददाता:- वेद प्रकाश पालीगंज अनुमंडल

पालीगंज/ स्थानीय बाजार स्थित कृषि फॉर्म भारत के पूर्व राष्ट्रपति सह देश के महान बैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की सपनो पर पानी फेरती नजर आ रही है।
जानकारी के अनुसार देश के महान बैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम वर्षो पूर्व पालीगंज की धरती पर कदम रखा था। उस समय उन्होंने पालीगंज स्थित रानितलाब मोड़ के पास दरियापुर गांव में 10 एकड़ जमीन पर कृषि फॉर्म का निर्माण कराया था। जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि के नए नए तकनीकों व विभिन्न प्रकार के फसलों की उच्च गुणवत्ता वाली बीजो का उत्पादन करना था। उस समय उन्होंने इस जमीन पर शोध जारी भी किया था। जिसके लिए शोधशाला का भी निर्माण किया था। जिसमे उन्होंने कुछ फसलों के बीजो पर शोध भी किया था। उनकी सपना थी पालीगंज में राष्ट्रीय स्तर पे कृषि के क्षेत्र में शोधशाला का विकास करना। लेकिन उनकी सपना अधूरी रह गयी। वे ज्यादा दिनों तक पालीगंज नही रह पाए तथा विशेष कार्यो के कारण पुनः वापस लौटना पड़ा। लेकिन देश के सर्वोच्च नागरिक अर्थात राष्ट्रपति होने के बावजूद भी उनके मन से पालीगंज की यादगार जुड़ी रही। जिसे मन मे संजोए कलाम ने एक बार पुनः पालीगंज स्थित कृषि फॉर्म में पहुंचे। जहां कृषि बिभाग से सम्बन्धित अधिकारियों व पदाधिकारियों को तरह तरह के कृषि से सम्बंधित टिप्स दिए थे। लेकिन समय के परिवर्तन के साथ किसी ने उनकी बातों पर ध्यान नही दिया। आज हालात यह है कि इस फॉर्म की जमीन का उपयोग सभा स्थल के रूप में किया जा रहा है। इतना हो नही पालीगंज नगर पंचायत तो बन गयी पर नाला निकास का निर्माण नही कराई गई है। जिसके कारण बाजार की नाला की गंदी पानी गिरे जाने के कारण कृषि फॉर्म की जमीन फसलों के उत्तम किस्म के बीजो के उत्पादन के बजाए उस जमीन पर कीचड़ फैली हुई है। जहां उपयोगी पौधे तथा फँसलो के स्थान पर लंबे लंबे घास दिखलाई पड़ने लगे है। कुछ महीनों पूर्व पालीगंज अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राजदेव शाह के द्वारा कृषि फॉर्म की जमीन पर कच्ची तालाब का निर्माण कराई गई है।
इस सम्बंध में पूछे जाने पर पालीगंज अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राजदेव शाह ने बताया कि कृषि फॉर्म की कुल 10 हेक्टेयर जमीन है। जिसे अतिक्रमणमुक्त तथा शुरक्षित करने के उद्देश्य से जल्द ही चारदीवारी का निर्माण कराई जाएगी। वही उन्होंने बताया कि मखाना व सिंघाड़ा का प्लांटिंग मैटेरियल तैयार करने के उद्देश्य से कृषि फॉर्म पर की जमीन पर तालाब का निर्माण कराई गई है। इस कार्य की शुरुआत जल्द ही कराई जाएगी।