गांवों के ओपन जिम की टूट-फूट से लोग परेशान, स्वास्थ्य सुधार की योजना हुई बेकार

लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद जिम की पार्ट पुर्जे हुईं खराब, स्थानीय लोग और बच्चे सुविधाओं से वंचित

भरगामा/डा. रूद्र किंकर वर्मा।

गांवों के लोगों के स्वास्थ्य सुधार के उद्देश्य से लाखों रुपये खर्च करके लगाए गए ओपन जिम अब खुद बीमार हो चुके हैं। इन जिमों की हालत इतनी खराब हो गई है कि कहीं मशीनें टूट-फूट कर पड़ी हैं, तो कहीं इन्हें उखाड़कर एक ओर रख दिया गया है। कई जगह तो मशीनों का सामान भी चोरी हो चुका है, जिसके कारण लोग और बच्चे अब इस स्वास्थ्य सुधार योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

वर्ष 2022 में इन ओपन जिमों को स्थापित करने के लिए सरकार ने विशेष प्रयास किए थे, ताकि गांवों में लोगों का शारीरिक स्वास्थ्य सुधरे। लेकिन शुरुआत में ठीक-ठाक चलने के बाद धीरे-धीरे इन जिम की मशीनें खराब होने लगीं। इसके बाद, इन टूटी मशीनों को कबाड़ में फेंक दिया गया और उनकी मरम्मत अब तक नहीं करवाई गई।

भरगामा प्रखंड के विभिन्न गांवों में स्थित सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए ओपन जिम लगाए गए थे, जिनकी हालत अब पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है। इन गांवों में शामिल हैं हरिपुरकला, विषहरिया, नया भरगामा, धनेश्वरी, वीरनगर पश्चिम, रघुनाथपुर दक्षिण, वीरनगर पूरब, खजुरी, सिरसिया हनुमानगंज, खुटहा बैजनाथपुर, जयनगर, सिमरबनी, शंकरपुर, मनुल्लाहपट्टी, आदिरामपुर, भरगामा, पैकपार, रघुनाथपुर उत्तर, सिरसियाकला, कुसमोल और अन्य पंचायतें। यहां के लोग और बच्चे अब ओपन जिम की सुविधा से वंचित हैं, जबकि यह योजना उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई थी।

स्थानीय लोगों और बच्चों के लिए यह एक बड़ी असुविधा बन चुकी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इस पर भरगामा के बीडीओ शशि भूषण सुमन का कहना है कि वे जल्द ही इन टूटे हुए ओपन जिमों की मरम्मत कराएंगे। हालांकि, यह सवाल भी उठता है कि सरकारी योजनाओं को लागू करते समय उनके रख-रखाव और निरंतरता का ध्यान क्यों नहीं रखा जाता।

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