पी एस कॉलेज : “पर्यावरण संरक्षण में ‘एक पेड़ माँ के नाम योजना’ का महत्व ” टॉपिक पर संगोष्ठी आयोजित

मधेपुरा ।

पार्वती साइंस कालेज के स्नातकोत्तर भूगोल विभाग में प्रधानाचार्य प्रो. (डा.) अशोक कुमार, मुख्य अतिथि अजय कुमार अंकोला शिक्षा शास्त्र विभाग, विभागाध्यक्ष डा. राजेश कुमार सिंह, समाजशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. अक्षय कुमार चौधरी इत्यादि ने दीप प्रज्वलित कर “पर्यावरण संरक्षण में ‘एक पेड़ माँ के नाम योजना’ का महत्व ” विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित सभी शिक्षाविदों ने आज शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दिया। प्रधानाचार्य डा. अशोक कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज शिक्षक दिवस का यह पावन दिन प्रख्यात विद्वान, भारतीय संस्कृति के संवाहक, पूरब के विचारधारा के महान दार्शनिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित है। 5 सितंबर की उनकी जयंती का यह विशेष दिन सच्चे अर्थों में प्रत्येक शिक्षक के लिए शिक्षा के क्षेत्र में डा. राधाकृष्णन द्वारा दिए गये अतुलनीय योगदान और उपलब्धियों को अपने जीवन में आत्मसात करने का दिन है। इसके साथ ही अपने पर्यावरण के प्रति भी हमारे उत्तरदायित्व हैं।

जलवायु परिवर्तन जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों से पृथ्वी को बचाने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ से पौधारोपण का देश भर में में जो अभियान चल रहा है उसमें पार्वती साइंस कालेज भी आज अपना महती योगदान दे रही है। मुख्य अतिथि अंकोला ने कहा है हमारे प्राचीन ग्रंथों, इतिहास और साहित्य में वृक्षों की उपयोगिता और महत्व भरा पड़ा है और वृक्ष को मां का दर्जा दिया गया है। इसलिए आप वृक्षों की देखभाल मां की तरह करें।

विभागाध्यक्ष डा. राजेश ने कहा कि आज का दिन शिक्षकों और अध्ययन अध्यापन से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने शिक्षको के प्रति प्यार और सम्मान दिखाने, तथा शिक्षकों द्वारा समाजिक निर्माण में दिये जा रहे योगदान के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। इस अवसर पर हम अपने शिक्षकों के अथक समर्पण और अटूट प्रयासों के प्रति सच्चे भाव से अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। पौधारोपण करके जहां हम पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामाजिक दायित्वों और समाज निर्माण के प्रति अपनी जागरूकता दिखाते हैं वहीं एक शिक्षक होने के नाते हमरा यह कर्तव्य है कि एक ऐसी नयी पीढ़ी के छात्र-छात्राओं का वर्ग तैयार करें जो अपने पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने के लिए आगे बढ़कर काम करे। आज शिक्षक दिवस के अवसर पर भूगोल विभाग द्वारा इस संगोष्ठी के आयोजन की यही उपादेयता है।

डा. अक्षय कुमार चौधरी ने कहा कि वस्तुत: शिक्षक हमारे समाज और छात्रों के चरित्र का निर्माण करते हैं। जब भी समाज में कोई अव्यवस्था और सामाजिक व्याधियां फैलती है तो एक आदर्श शिक्षक उस अव्यवस्था और व्याधिकियों से हमें मुक्ति दिलाते हैं। वे हमारे सच्चे मार्गदर्शक होते हैं। हमारे चरित्र को आकार देकर हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। पर्यावरण संरक्षण आज हमारे सामने एक भीषण वैश्विक चुनौती बनकर सामने खड़ी है। जिसका हमें बौद्धिक समाधान ढूंढना है। आज छात्र और शिक्षक मिलकर समाज में अपने पृथ्वी और संपूर्ण जीवन को बचाने के काम में लगे हैं। ऐसी स्थिति में डा. राधाकृष्णन जैसे महापुरुषों की जयंती पर पर्यावरण संरक्षण में ‘एक पेड़ माँ के नाम योजना’ का महत्व का प्रचार प्रसार बहुत ही प्रासंगिक और उपयोगी है। इसके अतिरिक्त प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के डा. मो. सफ्रराज आलम, जन्तु विज्ञान के ब्रजेश कुमार, मनोविज्ञान विभाग के राजेश कुमार इत्यादि ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर यूजी सेमेस्टर टू के छात्रों का एक भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित किया गया जिसमें कुंदन कुमार को प्रथम, मंसू कुमारी को द्वितीय, सनोज कुमार को तृतीय, रितु कुमारी को चतुर्थ और साकेत कुमार को पंचम पुरस्कार दिए गए। इसके अतिरिक्त पांच अन्य प्रतिभागियों को भी स्वांतना पुरस्कार दिये गये।

इस अवसर पर राजनीति शास्त्र विभाग के प्राध्यापक डा. मनोज कुमार, हिन्दी विभाग के डा. सुमेध आनंद, भौतिकी विभाग के डा. संतोष कुमार, वनस्पति विज्ञान के डा. अजय कुमार कुमार, मैथिली विभाग के डा.चन्द्रदेव एवं डा. राजश्री कुमारी भी उपस्थित रही।