परिवार नियोजन जागरूकता के लिए सारथी रथ रवाना, सिविल सर्जन ने दिखाई हरी झंडी

परिवार नियोजन से संबंधित स्थायी व अस्थायी विकल्पों की दी जाएगी जानकारी

  • शादी के साथ ही परिवार नियोजन की योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत

राहुल कुमार, किशनगंज

भारत की बढ़ती जनसंख्या एक चुनौती रही है, लेकिन परिवार नियोजन के माध्यम से हम एक सशक्त और विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। “विकसित भारत की नई पहचान: परिवार नियोजन हर दंपति की शान” इस सोच का प्रतीक है कि सशक्त परिवार ही सशक्त राष्ट्र की नींव है। परिवार नियोजन से संबंधित सभी प्रकार के स्थायी व अस्थायी विकल्पों की जानकारी देने के उद्देश्य से जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगण से से छह प्रखंडों के सारथी रथ को सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सिविल सर्जन ने बताया कि बढ़ती जनसंख्या परिवार की तरक्की में सबसे बड़ी बाधा बनती है। परिवार की अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक व्यवस्था पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। हम सभी छोटा परिवार रखकर ही अपने सपने को साकार कर सकते हैं। जितना छोटा परिवार होगा, उसमें उतनी ही ज़्यादा खुशियां और आगे बढ़ने का संभावना बनेगी। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों और चिकित्सकों की जिम्मेदारी बनती है कि अपने-अपने क्षेत्र के निवासियों को परिवार नियोजन से संबंधित गहन जानकारी दें और इसके नियंत्रण के लिए प्रोत्साहित करें। शादी के साथ ही परिवार नियोजन से संबंधित योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।

ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचेगा सारथी रथ और करेगा जागरूक:

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया किपरिवार नियोजन का मतलब केवल बच्चों की संख्या को सीमित करना नहीं है, बल्कि यह एक सोच है जो बेहतर भविष्य की योजना बनाती है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगामी 10 जुलाई तक जिले में सामुदायिक स्तर पर जागरूकता पैदा करना है। वहीं 11 जुलाई से 31 तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। अभियान की शत प्रतिशत सफ़लता के लिए जिलाधिकारी श्री तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इस सिलसिले में शहरी क्षेत्र से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक सारथी रथ की पहुंच बनाकर जन जागरूकता के लिए प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जिले के सार्वजनिक स्थल, सामुदायिक भवन, स्कूल, कॉलेज, मंदिर, मस्ज़िद, चर्च और गुरुद्वारे सहित मलिन बस्ती और घुमंतू द्वारा बनाए गए रैन बसेरा के नज़दीक जाकर सारथी रथ के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाना सुनिश्चित किया गया है। ताकि अधिक से अधिक परिवार नियोजन के प्रति लोगो में जागरूकता बढ़ सके। उक्त कार्यक्रम में सहयोगी संस्था सिफार,पीरामल, पीसीआई के द्वारा भी लगातार जागरूक किया जा रहा है।

रूट चार्ट के अनुसार सभी प्रखंडों में किया जाएगा प्रचार-प्रसार:
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान इसकी जरूरत, सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर एवं छोटे परिवार के लाभ के बारे में जिलेवासियों को जानकारी दी जाएगी। जिलेवासियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए ई-रिक्शा पर बने सारथी रथ के माध्यम से विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में रूट चार्ट के अनुसार सभी प्रखंडों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके बाद परिवार नियोजन सेवाओं की महत्ता को बढ़ाने के लिए सास-बहू-बेटी सम्मलेन का आयोजन विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों केन्द्रों पर किया जाना है।

“विकसित भारत की नई पहचान: जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया की
जब परिवार छोटे और योजनाबद्ध होते हैं, तो माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। यह परिवार की आर्थिक स्थिरता को बढ़ाता है और राष्ट्र की समृद्धि में योगदान देता है। परिवार नियोजन हर दंपति की शान” केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह एक दृष्टिकोण है जो एक सशक्त और समृद्ध भारत की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों को प्रतिबिंबित करता है। परिवार नियोजन के माध्यम से हम न केवल अपने परिवारों को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। आइए, परिवार नियोजन को हर दंपति की शान बनाकर एक विकसित और सशक्त भारत का निर्माण करें।