समाज जागरण
मनोज कुमारसाह
गोड्डा
आज गुरुवारको पांचवें दिन महागामाप्रखंड अंतर्गत खदहरा माल शिव मंदिर परिसर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ को लेकर वृंदावन से आए कथावाचक स्वामी दिनेशानन्द शास्त्री उपाध्याय महाराज जी ने बताया कि परमपिता परमेश्वर को जो प्रकट कर दे वह प्रहलाद है जो दान नहीं करते हो हिरण कश्यप है जिसमें जीवन से माया धू धू कर जल गई हो वो है क्या धुन है नरसिंह भगवान अपने भक्त प्रहलाद के वचन को सत्य करने के लिए खंभे से बाहर आए क्योंकि प्रहलाद जी ने कह दिया हमारे प्रभु खंभा में है भगवान अपने वचन को सत्यकरने के लिए खंभे से बाहर आए नहीं आते तो भक्त काभजन झूठा हो जाताऔर परमात्मा के दृढ़ता के कारण भगवान खंभे से बाहर आएऔर परमेश्वर का कहना है कि मैं जड़ में भी रहता है चेतन आत्मा में भी रहता हूं तुम जहां से पुकार लो मुझे मैं वहीं प्रकट हो जाऊंगा ईश्वर आस्थाऔर विश्वास में वासकरते हैं वद भवानी शंकरवव श्रद्धा विश्वास रूपी न हो भगवान श्री कृष्णश्री राम जन्म हुआ सूर्यवंश में जो भी महीना नक्षत्र हो गया समय हो गया सभी नाराज थेरात्रि नाराज थी 12:00 बजे रात्रि का समय कोई भी खुश नहीं था भादो महीना खुश नहीं था अंधेरी रात्रि खुश नहीं थी जब कृष्ण पक्ष भी खुश नहीं था इन सभी को खुश करने के लिए भगवान जी कृष्ण भाद्रपद महिना में अंधेरी कृष्ण पक्ष में आते हैं और 12:00 बजे रात्रि में रात्रि भीं खुश है कि भगवान मेरे समय में आ रहे हैं बादल भी खुश है की भगवान मेरे रंग में आ रहे हैं श्री कृष्ण के अवतार सभी खुशी है सबको भगवान खुश किया जो यदुवंश में अवतरित होकर भगवान सबको आनंदित कर दिय कथा स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु युवती महिला एवं पुरुष मौजूद थी कथा स्थल पर कमेटी के सदस्यों नेभी बढ़ चढ़करकर हिस्सा लिया