स्लग : अधूरा वेतन समझौता पूरा करो और 2027 वेतन समझौता की तैयारी शुरू: बाबूलाल मराण्डी

रिपोर्ट अनिल कुमार बोकारो


भारतीय इस्पात कर्मचारी संघ का कार्यकर्ता सम्मेलन सह वनभोज सिटी पार्क में शम्भु कुमार वरीय संयुक्त महामंत्री के अध्यक्षता में आयोजित किया गया। संचालन सुरेन्द्र महतो कार्यकारी महामंत्री ने किया। संघ के अध्यक्ष व भाजपा झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मराण्डी बतौर मुख्य अतिथी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि सेल प्रबंधन कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रहा है। अभी तक 2017 का वेतन समझौता अधूरा है। कर्मचारियों को 39 महीने का एरियर व पर्क्स का मामला सेल प्रबंधन ने उलझा रखा है साथ ही ग्रॅजुईटी पर सीलिंग का फैसला कर के कर्मचारियों को सेवनिवृति में आर्थिक नुकसान पहुँचा रही है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए सेल प्रबंधन इसपर एनजेसीएस की बैठक बुलाकर जल्दी सुलझाए साथ ही 2027 का अगला वेतन समझौता अभी से शुरू करे ताकि यह समय से हो सके। संघ के महामंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बीएसल प्रबंधन अपने चहेते यूनियन के नेतागण को गोद में बैठा के रखे हुए है जिनके माध्यम से ये कर्मचारियों को बर्गला कर रखे हुए है। उन्होंने बिएसएल प्रबंधन से मांग किया कि मान्यता प्राप्त यूनियन का चुनाव गुप्त मतदान से जल्द करवाए और वाईऐबल यूनियन की सूची पूर्णरविचार करें। उन्होंने एनजेसीएस में सिर्फ कार्यरत कर्मचारी नेता को ही जगह देने की बात कही और इनसेन्टीव रिवार्ड का मनी टेबल को रिव्यू किया जाए।

एस पी तिवारी ट्रेड यूनियन कॉ – ऑर्डिनेशन सेंटर के केन्द्रीय महासचिव एस पी तिवारी, धनबाद सांसद ढूलू महतो और बीरांची नारायण पूर्व विधायक बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे और संघ के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बिएसएल में मैनपावर की कमी को दूर किया जाए और कर्मचारियों की मृत्यु किसी भी परिस्थिति में होने से उनके आश्रित को बिना शर्त नियोजन दिया जाए। वक्ताओ ने कहा कि आजकल सयंत्र में दुर्घटनाये बढ़ गयी है। नियोजन हेतू आश्रितों की अधिकतम उम्र सीमा एवं योग्यता की बाध्यता को हटाया जाए। ठेका श्रमिकों को कर्मचारियों की तरह ड्यूटी के एक घंटा पहले और ड्यूटी के एक घंटे बाद रास्ते में दुर्घटना होने पर उनके आश्रितों का नियोजन का प्रावधान बनाया जाए। इएसआईसी के अंतर्गत ठेका श्रमिकों के इलाज हेतू राशि को कम से कम 30,000/- किया जाए। मेडिकल टेस्ट को आधार बनाकर ठेका श्रमिकों को नियोजन से नहीं हटाया जाए।

Leave a Reply