पटना में अगलगी के दौरान दो बच्चों की मौत

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ गौरीचक इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां देर रात झोपड़ियों में भीषण आग लगने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। इस हादसे में दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। इस घटना ने पूरे इलाके में मातम फैला दिया है। घटना गौरीचक के जनकपुर मोड़ के पास की बताई जा रही है। पीड़ित परिवार के सदस्य सुधीर नट और विजेंद्र नट कई सालों से अपने परिवार के साथ यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। रविवार देर रात सभी परिवारजन गहरी नींद में थे, तभी अचानक झोपड़ी में आग लग गई। चंद मिनटों में आग ने विकराल रूप ले लिया और आसपास की दो अन्य झोपड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। जैसे ही आग की लपटें तेज हुईं, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन इस दौरान दो मासूम बच्चे सन्नी कुमार (8) और आदित्य कुमार (4) आग की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए, जिनका इलाज जारी है। इस हादसे में पीड़ित परिवार का सबकुछ जलकर खाक हो गया। आग की वजह से घर का एक भी सामान नहीं बचा। सुधीर नट और विजेंद्र नट का कहना है कि अब तक उन्हें किसी भी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिली है, जिससे वे पूरी तरह बेबस हो गए हैं। घटना के बाद से परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची। आग इतनी भयावह थी कि दमकल की तीन गाड़ियों को आग पर काबू पाने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी। गौरीचक थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि खाना बनाने के बाद चूल्हे में बची चिंगारी से आग भड़क सकती है, लेकिन पुख्ता जानकारी जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। इस घटना में झुलसकर मारे गए दोनों बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस प्रशासन मामले की जांच में जुटा है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आग लगने के पीछे कोई अन्य कारण तो नहीं था। पीड़ित परिवार प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है, क्योंकि इस अग्निकांड में उनका सबकुछ जलकर राख हो चुका है। स्थानीय लोग भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि पीड़ित परिवार को तत्काल राहत दी जाए, ताकि वे फिर से अपने जीवन को पटरी पर ला सकें। यह हादसा एक बार फिर आग से सुरक्षा के प्रति सतर्कता की जरूरत को दर्शाता है। विशेष रूप से झोपड़ियों और कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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