कवच परियोजना के तहत तटवासी समाज न्यास द्वारा बाल संरक्षण पर आजमनगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

बाल सुरक्षा, शिक्षा और बच्चों के अधिकारों के लिए प्रखंड स्तर पर जागरूकता बढ़ाने हेतु महत्वपूर्ण कार्यशाला का हुआ आयोजन

आजमनगर

गुरुवार 23 जनवरी 2025 को आजमनगर प्रखंड स्थित रघुनंदन केसरी उच्च विद्यालय में बाल संरक्षण से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम तटवासी समाज न्यास द्वारा आयोजित किया गया था और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुधीर कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। इस कार्यशाला में प्रखंड के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, शिक्षक-शिक्षिकाएं, और प्रखंड संसाधन केंद्र के अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यशाला की शुरुआत तटवासी समाज न्यास के प्रबंधक मोहम्मद फारूक आलम ने की, जिन्होंने संस्था के कार्यों और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तटवासी समाज न्यास पिछले 20 वर्षों से बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रही है और वर्तमान में कवच परियोजना के तहत बिहार के विभिन्न जिलों में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आजमनगर प्रखंड में पांच पंचायतों में बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है और किशोरी समूह, बाल समूह, और युवा समूह का गठन कर सामुदायिक स्तर पर बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा को सशक्त किया जा रहा है।

कवच परियोजना के तकनीकी सहायक अमरेश कुमार सिंह ने जानकारी दी कि संस्था द्वारा प्रखंड में 10 नियमित ब्रिज कोर्स सेंटर चलाए जा रहे हैं, जिनमें बच्चों को नि:शुल्क शिक्षण सामग्री प्रदान की जाती है। इन सेंटरों का उद्देश्य शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाकर उन्हें नजदीकी विद्यालयों में नामांकन कराना है। इसके साथ ही, ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान कर उन्हें पुनः विद्यालय में लाने का कार्य भी किया जा रहा है।

कार्यशाला में एम आई एस अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि संस्था द्वारा प्रखंड के 20 विद्यालयों में विद्यालय प्रबंधन समितियों की बैठकें आयोजित की जा रही हैं, और इन समितियों को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा विभाग के साथ रणनीति पर काम किया जा रहा है। साथ ही, मीना मंच और बाल संसद के माध्यम से बच्चों को ‘गुड टच’ और ‘बेड टच’ के बारे में जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रखंड समन्वयक रोशन कुमार ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान और सुरक्षित शिकायत प्रणाली की स्थापना की महत्ता पर जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने आपातकालीन नंबर 1098 और 112 के बारे में भी जानकारी दी, ताकि संकट की स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त की जा सके।

कार्यशाला में समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार द्वारा संचालित परवरिश योजना और स्पॉन्सरशिप योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। तटवासी समाज न्यास के सहयोगी संस्थान समग्र विकास एवं शिक्षण संस्थान के साकेत कुमार श्रीवास्तव ने बाल श्रम और बाल विवाह की रोकथाम के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आजीविका से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि परिवार की स्थिति सुधार सके और बाल श्रम और बाल विवाह जैसी कुरीतियों में कमी लाई जा सके।

कार्यशाला के अंत में तटवासी समाज न्यास के तकनीकी शिक्षा विशेषज्ञ ममता कुमारी, प्रखंड समन्वयक बमबम कुमार, आउटरीच वर्कर सोमनाथ अधिकारी और साजिद आलम ने सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह, बाल शोषण और अन्य कुरीतियों के खिलाफ शपथ दिलाई, ताकि समाज में जागरूकता फैल सके।

बिहार शिक्षा परियोजना के विप्लव कुमार ने तटवासी समाज न्यास के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि बाल संरक्षण के क्षेत्र में तटवासी समाज न्यास का योगदान महत्वपूर्ण है, और सभी से आग्रह किया कि वे इस दिशा में और बेहतर काम करें।

कार्यशाला के समापन के बाद धन्यवाद ज्ञापन किया गया और इस आयोजन को बाल संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया। यह कार्यशाला न केवल बच्चों के अधिकारों की रक्षा और शिक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक अहम प्रयास था, बल्कि समाज में बाल शोषण, बाल विवाह और बाल श्रम जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए एक सशक्त कदम भी साबित हुआ।

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