शिक्षा विभाग ने पूछा है पूर्णियां विश्वविद्यालय के कुलपति से स्पष्टीकरण
संतोष जनक कारण पृच्छा का जवाब नहीं मिलने पर हो सकते है पद च्यूत
फिलहाल विश्वविद्यालय के सभी खातों पर अगले आदेश तक के लिए लगा दी गई है रोक
पटना/डा. रूद्र किंकर वर्मा।
कुलपति,पूर्णियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ का शिक्षा विभाग द्वारा रखी गई बजट की समीक्षा से संदर्भित बैठक में भाग नहीं लेना महंगा पर सकता है। इस बाबत विभाग ने दिनांक 16.05.2024
को एक पत्र भेज कर कुलपति से
स्पष्टीकरण देने को कहा है।
विभागीय पत्र में कुलपति पूर्णियां विश्वविद्यालय पूर्णियां को संबोधित पत्र में लिख गया है कि
विभागीय पत्रांक-1866 दिनांक-10.05.2024 द्वारा विभाग के स्तर पर विश्वविद्यालयों के बजट (2024-25) की समीक्षा हेतु एक बैठक रखी गई थी। इस बैठक में आपके साथ समीक्षा हेतु अन्य संबंधित पदाधिकारी यथा वित्तीय परामर्शी, कुलसचिव एवं वित्त पदाधिकारी के साथ-साथ यथा आवश्यक बजट बनाने से संबंधित अन्य पदाधिकारियों एवं कर्मियों को भाग लेने कहा गया था। आपके विश्वविद्यालय से संबंधित बैठक दिनांक 16.05.2024 को आयोजित थी। परन्तु आप बैठक में नहीं आये। यदि बैठक के दिन आप अन्यथा व्यस्त थे तो आपने विभाग में इसकी सूचना ससमय (अर्थात दिनांक 16.05.2024 से पूर्व) दे देनी चाहिए थी, ताकि विभाग उक्त बैठक के लिए आपकी सुविधानुसार तिथि रख सकता था।
उक्त के कारण विभागीय पदाधिकारियों एवं आपके विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों का भी समय व्यर्थ हुआ। कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी, क्योंकि आप अनुपस्थित थे। आप जानते होंगे कि बजट संबंधी मामला अति गंभीर होता है। इसमें कुलपति का स्वयं रहना अत्यंत आवश्यक होता है। उक्त बैठक में आपकी अनुपस्थिति एवं उक्त अनुपस्थिति का ससमय विभाग को सूचित न करना विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा-11 (i) एवं (ii) के तहत आपकी उदासीनता को ईंगित करता है और यह दर्शाता है कि आप विश्वविद्यालय के अति-महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति उदासीन है।
आपकी अनुपस्थिति के कारण आपके विश्वविद्यालय के बजट की रूपरेखा को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। साथ ही, विभाग को इस बात की स्पष्टता नहीं हो पाई की विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा-48 एवं धारा-50 के अनुरूप बजट की रूपरेखा पर आपकी संपुष्टि है कि नहीं। इसे विभाग विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा-48 एवं धारा-50 का उल्लंघन मानता है। ऐसी स्थिति में निदेशानुसार आपके विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन पर (पी०एल० खाता सहित) अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है। साथ ही आप अपना स्पष्टीकरण शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराएं कि क्यों नहीं आपको अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत पदच्युत करने की दिशा में कार्रवाई प्रारंभ की जाए।यह आदेश तत्काल रूप से प्रभावी होगा।