संपति विवाद में 85 वर्षीय पिता को न्यायालय से मिला न्याय।

नोएडा समाज जागरण

ऐसे तो कहते है कि पुत्र पिता के लिए बुढापे की लाठी होते है लेकिन आज के युग में ऐसे भी पुत्र है जिसे सिर्फ पिता के संपति से मतलब है। ऐसे ही एक मामले में जिला गौतमबुद्धनगर न्यायालय नें एक 85 वर्षीय पिता को न्याय देते हुए पुत्र को एक सप्ताह के अन्दर मकान खाली करने का आदेश दिया है।

बता चले कि मामला नोएडा सेक्टर 12 की है जहाँ पर श्री रामआसरे गाँधी जो कि 85 वर्षीय वृद्ध भारतीय नागरिक है और मकान नंबर ए-29 सेक्टर 12 नोएडा में निवास करते है। वही विपक्षी कोई और नही बल्कि उनका अपना ही पुत्र है और पुत्र वधु है जो कि वर्तमान में इसी मकान में रहते है और कब्जा करने की नियत रखते है।

माननीय न्यायालय नें माना कि प्रतिवादी पक्ष को अपना जबाब दाखिल करने के लिए बार-बार मौका दिया गया लेकिन उनके द्वारा इस संबंध में कोई जबाब प्रस्तुत नही किया गया। वादी पक्ष के द्वारा न्यायालय को बताया गया कि इस हालात में जब उनको सहारा कि जरूरत है और जीवन रक्षक दवाओं पर निर्भर है इस समय में उनका शांति भंग किया जाता है। इसलिए प्रार्थी ने मकान खाली कराये जाने की प्रार्थना की है ताकि बांकि के जीवन शांतिपूर्ण माहौल में पूरा करे।

माननीय न्यायालय नें प्रतिवादी पक्ष को एक सप्ताह के अन्दर मकान को खाली करने और प्रार्थी के मर्जी के बिना कोई भी वार्तालाप न करने तथा उनका मानसिक उत्पीड़न न हो ऐसा सुनिश्चित करने के आदेश दिए है। आदेश के प्रमाणित प्रति नोएडा थाना सेक्टर 24 थानाध्यक्ष को इस निर्देश के साथ प्रेषित किया कि है कि आदेश के पालन कराकर अनुपालन आख्या 7 दिनों के अन्दर न्यायालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे।