हजारीबाग काॅलेज ऑफ डेंटल साइंसेस एंड होस्पिटल में मरीज की लार नलिका से सफलतापूर्वक निकाला गया पत्थर।

मरीजों की उत्तम सेवा उपलब्ध करवाकर संतुष्टि पूर्वक इलाज प्रदान करना मेरी पहली प्राथमिकता है : डाॅ प्रवीण श्रीनिवास।

मनोज कुमार
संवादाता हजारीबाग।

हजारीबाग काॅलेज ऑफ डेंटल साइंसेस एंड होस्पिटल में एक मरीज की लार नलिका से पत्थर सफलतापूर्वक निकाला गया। ज्ञात हो कि एक 23 वर्षीय मरीज मुंह के निचले हिस्से में सूजन और दर्द की शिकायत लेकर एचसीडीएसएच में आया था। ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग में जांच करने पर यह निष्कर्ष निकला कि लार नलिका में संक्रमण था और उसमें पथरी की भी संभावित उपस्थिति थी। विभाग के चिकित्सकों के परामर्श पर एक्स-रे में लार नालिका में 5-7 पत्थरों की मौजूदगी का पता चला। ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के संकाय के निर्देशन में स्नातकोत्तर छात्र डॉ. शुभजीत हाजरा और डॉ. शोवन मैती द्वारा एक दुर्लभ शल्य चिकित्सा प्रक्रिया “सियालोलिथोटॉमी” का संचालन किया गया तथा पत्थरों को सफलतापूर्वक हटा दिया गया। मौके पर डेंटल काॅलेज के सचिव डाॅ प्रवीण श्रीनिवास ने कहा कि मरीजों की उत्तम सेवा उपलब्ध करवाकर संतुष्टि पूर्वक इलाज प्रदान करना मेरी पहली प्राथमिकता है। हमारा परिवार मरीजों को काफी अनुकरणीय सेवा दे रही है। भविष्य में भी अनवरत जारी रहेगी। पूरी प्रक्रिया में ओएमआर विभाग के एचओडी डॉ. के. श्रीकृष्ण, प्रोफेसर डॉ. देवर्षि नंदी, प्रोफेसर डॉ. सौम्या वर्मा और व्यख्याता डॉ. सृष्टि के दूरदर्शी मार्गदर्शन में की गई।