औरंगाबाद
शुक्रवार को बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने शुक्रवार को औरंगाबाद जिला अतिथि गृह में खाद्यान्न योजनाओं की समीक्षा की।
समीक्षा के बाद आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि उन्होने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही पोषण एवं पुर्नवास से संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ खाद्य आपूर्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया कि जिले में हर माह की 15 एवं 22 तारीख को सभी आंगनबाड़ी केंद्रो के माध्यम से टेक होम राशन का नियमित रूप से वितरण किया जा रहा है। हर माह 14 तारीख यानी वृद्धि निगरानी दिवस पर शून्य से छः वर्ष की उम्र के बच्चों की आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन एवं लंबाई की माप का कार्य किया जा रहा है। इसका 70.78 प्रतिशत डाटा सोशल ट्रैक एप पर अपलोड किया जा रहा है।
बताया गया कि परवरिश योजना के तहत एचआइवी पीड़ित, कुष्ठ रोगी एवं कोविड से मृत परिवार के बच्चों की सहायता के मामले में 19 लाभार्थियों को यह सहायता दी जा रही है। समीक्षा बैठक में उन्होने विद्यालय शिक्षा समितियों की एमडीएम योजना में प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए उन्हे एक्टिव करने का निर्देश दिया है। इसके लिए कार्यशाला आयोजित करने का भी उन्होने निर्देश दिया है। समीक्षा में पाया गया कि जिले के 213 विद्यालयों में कतिपय कारणों से एमडीएम बंद है, जो गंभीर मामला है। इसे तत्काल शुरु कराने का उन्होने निर्देश दिया है। कहा कि जन वितरण प्रणाली में उठाव एवं वितरण के मामले में औरंगाबाद राज्य भर में पांचवें स्थान पर है, जो बेहतर स्थिति है। दो लाख आठ हजार 876 लोगो के राशन कार्ड में आधार सीडिंग नही हुई है, जो गंभीर मामला है। इसे तेजी से निपटाने का निर्देश दिया गया है।