विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान हेतु छात्र दरबार का आयोजन किया जाए
विश्वविद्यालय अविलंब अपना आनलाइन सिस्टम एवं डेटा सेंटर बनाए और निजी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाए
मधेपुरा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बीएनएमयू के समग्र शैक्षणिक विकास के मद्देनजर छात्रहित में कुलपति प्रो. बी. एस. झा को सोलह सूत्री ज्ञापन सौंपा है।
शुद्ध पेयजल एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था हो
ज्ञापन में कहा गया है कि हाल ही में सीबीएसई बोर्ड के बारहवीं का रिजल्ट आया है। लेकिन बीएनएमयू में स्नातक पार्ट वन के नामांकन में आवेदन की तिथि समाप्त हो गई है। इसके कारण सीबीएसई बोर्ड वाले छात्र आवेदन से वंचित हो गए हैं। इसलिए उन छात्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल पुनः खुलवाया जाए।बीएनएमयू के सभी विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों तथा अंगीभूत महाविद्यालयों में शुद्ध पेयजल एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था की जाए। सभी जगहों पर छात्राओं के लिए अलग वासरूम बनबाया जाए। सुदूर ग्रामीण एवं दूर- दराज से आए छात्रों के लिए विश्वविद्यालय मुख्यालय में मूलभूत सुविधाओं से युक्त प्रतीक्षालय का अविलंब निर्माण करवाया जाए।
इसके साथ ही अंगीभूत व संबद्ध महाविद्यालय में सभी तरह का फीस एक समान हो तथा महाविद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाने, निजी व संबद्ध महाविद्यालय में नामांकन के समय छात्राओं की मनमानी फीस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
साथ ही विश्वविद्यालय में सिंगल विंडो सिस्टम प्रारंभ करने का मांग की गई है, ताकि विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को बेवजह कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े। यह भी मांग की गई है कि मूल प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्र को निकलवाने में भारी पैमाने पर हो रही उगाही पर रोक लगाई जाए। विद्यार्थियों को ससमय बिना परेशानी के सभी प्रमाण पत्र समय पर दिए जाए। विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान हेतु छात्र दरबार का आयोजन किया जाए। वित्त विभाग में संबद्ध महाविद्यालयों को मिलने वाले अनुदान और सेवानिवृत्ति शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान आदि के मामले में होने वाली उगाही रोकी जाए। पेंशन दरबार का आयोजन कर पेंशनभोगियों की समस्याओं का समाधान किया जाए।
बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाया जाए
ज्ञापन में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने की जरूरत है। इस निमित्त सभी तरह के परीक्षाओं का संचालन कदाचार मुक्त हो और परीक्षा केंद्रों एवं मूल्यांकन केंद्रों के निर्धारित में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाए। इसमें बड़े पैमाने पर हो रहे लेन-देन को रोका जाए। अधिकतर पीजी डिपार्टमेंट में छात्रों को नामांकन व फॉर्म भरने के समय रसीद नहीं दिया जाता है, अतः छात्रों तत्क्षण रसीद विभाग द्वारा दिया जाए। पीएटी 2022 एवं पीएटी 2023 की प्रवेश परीक्षा अविलंब ली जाय। कोर्स वर्क का रिजल्ट जल्द से जल्द जारी करवा डीआरसी की तिथि जारी करें। विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास की व्यवस्था की जाए।
यूएमआईएस पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग
ज्ञापन में मांग की गई है कि विश्वविद्यालय यूएमआईएस यूएमआईएस कंपनी आईटीआई द्वारा अब तक किए गए कार्यों और उसको हुए भुगतान पर श्वेत पत्र जारी किया जाए। यूएमआईएस कार्यालय में कांट्रेक्ट के अनुरूप प्रशिक्षित एवं योग्य कर्मियों को रखा जाए और कार्यालय को बिचौलियों से मुक्त किया जाए। वहां पर विद्यार्थियों से होने वाली वसूली रोकी जाए।माननीय कुलाधिपति महोदय द्वारा अधिषद् की बैठक में दिए गए निर्देशों के आलोक में विश्वविद्यालय अविलंब अपना आनलाइन सिस्टम एवं डेटा सेंटर है बनाए और निजी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाए। चतुर्थ एवं पंचम दीक्षांत समारोह और अधिषद् अधिवेशन -2024 में हुए खर्च को सार्वजनिक किया जाए। अधिवेशन -2024 में सड़े हुए भोजन की आपूर्ति करके विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। विश्वविद्यालय के अंतर्गत सभी निर्माण-कार्य नियम-परिनियम को ताक पर रख कर हो रहा है। विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में एक ही संवेदक से सभी कार्य कराया जा रहा है। इसके दोषियों पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के 86 कर्मचारियों की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट किया जाए। इनकी समस्याओं के समाधान और इन्हें वेतन भुगतान की दिशा में ठोस पहल की जाए। इन कर्मचारियों के मामलों को उलझाने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
राज्यपाल को भी भेजी गई है मांग-पत्र की प्रति
प्रतिनिधि मंडल में जिला संयोजक नवनीत सम्राट, विभाग संयोजक सौरभ यादव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आमोद आनंद, नगर मंत्री अंकित आनंद, संजीव सोनू आदि शामिल थे। परिषद् के नेताओं ने कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन से सभी सोलह बिंदुओं पर अविलंब सकारात्मक पहल की अपेक्षा है। अन्यथा लोकसभा चुनाव के निमित्त लागू आदर्श आचार संहिता की समाप्ति के बाद परिषद् चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी। नेताओं ने बताया कि मांग पत्र की प्रति राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को भी भेजा गया है।