तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से आर्टिफियिल इंटेलिजेंस इन फीटल मोनिटरिंग एंड अब्स्टेट्रिक्स अल्ट्रासाउंड पर गेस्ट लेक्चर में स्वामी रामा हिमालयन यूनिवर्सिटी, देहरादून के हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की सीनियर फैकल्टी डॉ. कंचन बाला ने की शिरकत
स्वामी रामा हिमालयन यूनिवर्सिटी, देहरादून के हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की सीनियर फैकल्टी डॉ. कंचन बाला ने कहा, एंटीनेटल पीरियड और इंटरानेटल पीरियड के समय एआई की मदद से फीटस का परीक्षण करना बेहद आसान है। एआई की मदद से फीटस में होने वाले विकारों का प्रारम्भिक अवस्था में ही पता लगाकर उनका निदान किया जा सकता है। पहले अल्ट्रासाउंड की मदद से भ्रूण के विकास को समझना थोड़ा मुश्किल होता था, लेकिन एआई से थ्रीडी और फोरडी अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं, जिससे भ्रूण के विकास को सघनता से समझा जा सकता है। डॉ. बाला तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से आर्टिफियिल इंटेलिजेंस इन फीटल मोनिटरिंग एंड अब्स्टेट्रिक्स अल्ट्रासाउंड पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं। इससे पूर्व मुख्य वक्ता डॉ. कंचन बाला, नर्सिंग की डीन प्रो. एसपी सुभाषिनी, प्रिंसिपल प्रो. एम. जेसलीन, वाइस प्रिंसिपल प्रो. रामनिवास, एचओडीज़- प्रो. रामकुमार गर्ग, प्रो. जितेन्द्र सिंह, प्रो. विजिमोल आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके गेस्ट लेक्चर का शुभारम्भ किया। गेक्चर के दौरान मुख्य वक्ता को बुके देकर स्वागत और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में मिस चेतना वशिष्ठ ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। संचालन एमएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर की छात्रा खुशी जसपर ने किया।
डॉ. बाला बोलीं, हमारे लिए एआई जितना मददगार है, दूसरी ओर इसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं। उन्होंने आशंका जताई, एआई से पेशेंट की प्राइवेसी लीक हो सकती है। इलेक्ट्रिक सप्लाई में बाधा होने से एआई कमांड को फॉलो नहीं कर पाता, जिससे उचित रिजल्ट नहीं मिलता है। नॉन स्ट्रेस टेस्ट- एनएसटी में एआई का उपयोग करके गर्भ में शिशु की हर्ट रेट, मूवमेंट और हर्ट रेट के प्रति उसकी प्रतिक्रिया का बेहतर तरीके से आंकलन किया जा सकता है। अपने शोध पेपर्स के हवाले से डॉ. बाला ने बताया, एआई यह भी बता सकता है कि नॉर्मल डिलीवरी की जा सकती है या नहीं। नर्सिंग की डीन प्रो. एसपी सुभाषिनी ने कहा, एआई की मदद से रोबोटिक्स के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। एआई के जरिए अब रोबोट सर्जरी और डिलीवरी सरीखे काम भी कर रहे हैं। प्रिंसिपल प्रो. एम. जेसलीन ने प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रसाउंड की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रो. जेसलीन बोलीं, प्रेगनेंसी पीरियड में कम से कम तीन बार अल्ट्रासाउंड जरूर कराना चाहिए, ताकि भ्रूण की ग्रोथ एंड डवलपमेंट का सही तरह से मूल्यांकन हो सके। गेस्ट लेक्चर के दौरान मिस शिवांगी गुप्ता, मिस विभा कुमारी, श्रीमती पूजा झा, मिस अंशिका के संग-संग बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग के 180 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
