बंगलादेश में हिन्दुओं की हत्या पर सभी चुप। पंडित राजेश अग्निहोत्री भागवताचार्य।

   बंगलादेश में जो तांडव हुआ यह तांडव सत्ता परिवर्तन के लिए था या हिन्दू मुस्लिम करने के लिए था।यह बात मेरे समझ में नहीं आयी। यदि सत्ता परिवर्तन के लिए यह तांडव हुआ तो फिर यह तांडव हसीना शेख़ द्वारा प्रधानमंत्री के पद को छोड़ने के बाद भी क्यों होता रहा ?  हिन्दुओं के मन्दिर क्यों तोड़े गए? हिन्दुओं का कत्लेआम क्यों हुआ? जिन हिन्दुओं का बंगलादेश में कत्लेआम हुआ अत्याचार हुआ़ जिन हिन्दुओं का कत्लेआम किया गया उन हिन्दुओं के लिए, कांग्रेस पार्टी,आप पार्टी, जेडीयू पार्टी,आई एम आई पार्टी, उद्धव ठाकरे जी,सपा प्रमुख अखिलेश यादव,शरद पवार, आदि ने निंदा करने की बात तो दूर की रही किसी ने भी एक शब्द सहानुभूति के लिए भी नहीं बोला। मानो सबको सांप सूंघ गया हो। कांग्रेस के कुछ नेता तो एक तरह की धमकी दे रहे हैं कि जो बंगलादेश में हुआ बो भारत में भी हो सकता है।इन लोगों की आखिर में मंशा क्या है? क्या ये लोग भारत में भी अराजकता फैलाना चाहते हैं? या अराजकता इनको पसंद है? या अराजकता के पक्षधर हैं?  क्या विपक्ष पार्टियों के नेता हमारे देश को आग में झोंकना चाहते हैं। हिन्दुओं की हत्यायों पर सभी मौन हैं। क्या बंगलादेश में हिन्दू अल्पसंख्यक नहीं हैं? यदि भारत में अल्पसंख्यकों पर बोल सकते हो, उनके लिए सहानुभूति है तो फिर बंगलादेश में जो हिन्दू अल्पसंख्यक हैं तो उनके प्रति आपकी सहानुभूति कहां चली गई? ये दोहरा मापदंड क्यों?आखिर क्यों?