भागलपुर।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने यह साफ कर दिया की आला कमान का निर्णय है कि वह सीट महागठबंधन के साथी आरजेडी के पास है। आला कमान के निर्णय के खिलाफ गठबंधन का कोई भी सदस्य उस सीट पर चुनाव नहीं लड़ सकता है। हालांकि अपनी पार्टी का विलय कर कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव ने वहां से नामांकन कर दिया है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष से जब यह पूछा गया कि क्या उन पर कार्रवाई होगी? तो इस सवाल पर वह मौन रहे। माना जा रहा है अखिलेश प्रसाद सिंह की तरफ से यह सीधा संदेश पप्पू यादव को है।
कांग्रेस को पप्पू यादव का नॉमिनेशन मान्य नहीं
इधर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने भी पप्पू यादव के नॉमिनेशन को अमान्य घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव का नॉमिनेशन कांग्रेस की तरफ से नहीं है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे में पूर्णिया की लोकसभा सीट आरजेडी के खाते में गई है। लिहाजा गठबंधन के तहत कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर कोई प्रत्याशी नहीं उतर जाएगा। ऐसे में पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े पप्पू यादव के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। इस वक्त पप्पू यादव की स्थिति ना घर के न घाट की वाली हो चुकी है। वह अपनी पार्टी का भी विलय कर ।
और राजद के खाते में पूर्णिया के अलावा और मधेपुरा की सीट भी चली गई है।पप्पू यादव को बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की इशारों ही इशारों में चेतावनी, होगी कार्रवाई? भागलपुर। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने यह साफ कर दिया की आला कमान का निर्णय है कि वह सीट महागठबंधन के साथी आरजेडी के पास है। आला कमान के निर्णय के खिलाफ गठबंधन का कोई भी सदस्य उस सीट पर चुनाव नहीं लड़ सकता है। हालांकि अपनी पार्टी का विलय कर कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव ने वहां से नामांकन कर दिया है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष से जब यह पूछा गया कि क्या उन पर कार्रवाई होगी? तो इस सवाल पर वह मौन रहे।
माना जा रहा है अखिलेश प्रसाद सिंह की तरफ से यह सीधा संदेश पप्पू यादव को है। कांग्रेस को पप्पू यादव का नॉमिनेशन मान्य नहीं इधर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने भी पप्पू यादव के नॉमिनेशन को अमान्य घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव का नॉमिनेशन कांग्रेस की तरफ से नहीं है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे में पूर्णिया की लोकसभा सीट आरजेडी के खाते में गई है। लिहाजा गठबंधन के तहत कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर कोई प्रत्याशी नहीं उतर जाएगा। ऐसे में पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े पप्पू यादव के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। इस वक्त पप्पू यादव की स्थिति ना घर के न घाट की वाली हो चुकी है। वह अपनी पार्टी का भी विलय कर । और राजद के खाते में पूर्णिया के अलावा और मधेपुरा की सीट भी चली गई है।