भाजपा जीतेगी सबसे हाई प्रोफाइल सीट अयोध्या मिल्कीपुर। साहनी।

अयोध्या।
प्राप्त जानकारी में पेशे से वकील पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अरविंद साहनी एडवोकेट जो की मूल रूप से उत्तर प्रदेश गोरखपुर के हैं और लंबे समय से राजनीति पर भविष्यवाणी करते रहे हैं उनका दावा है कि 5 फरवरी को होने जा रहे हैं अयोध्या मिल्कीपुर सीट का भी उपचुनाव होना है जिसको भाजपा बड़े आराम से ब्राह्मण ठाकुर और पासी समाजके वोटो से जीत रही है। यहां पर पूर्व में 2022 में अवधेश प्रसाद पासी विधायक थे जिनको समाजवादी पार्टी ने 2024 में लोकसभा प्रत्याशी बनाया और वह सांसद बन गए। जहा एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर बनाने का श्रेय भाजपा लेती आई थी लेकिन समाजवादी पार्टी ने लोकसभा मे पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक के गणित से जीत के बाद देश को या बताने का प्रयास किया कि यहां भाजपा राम मंदिर बनाने के बाद भी हार गई ।और देश और विदेश में ही नहीं हर जगह इस बात का डंका पीटा कि भाजपा का राम मंदिर का नारा काम नहीं आया ।जबकि उस चुनाव में पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक का गणित और संविधान खतरे में है इस बात को कांग्रेस और समाजवादी ने आम ग्रामीणों के बीच घर-घर पहुंचाया था।और इतने बड़ा खतरे को भाजपा ने हल्के से लिया था और उसके कार्यकर्ता गांव-गांव तक इस झूठ को पर्दाफाश करने में नाकामयाब रहे। इस चुनाव के दौरान महीना भर चुनाव मे मै भीगोरखपुर उत्तर प्रदेश में प्रचार और सर्वे में रहा ।एक पल के लिए मुझे भी इस समय आभास हो गया था कि इस बार भाजपा का ग्राफ गिर रहा है। क्योंकि यह बात पूरी तरह सत्य है कि वहां विधायक सांसद या कार्यकर्ता सिर्फ मोदी और योगी के नाम पर मलाई खा रहे हैं और काम जिस लेवल पर योगी मोदी जी करते हैं या चाहते हैं और नहीं कर पा रहे हैं। खैर लोक सभा चुनाव में हाई कमान में योगी जी को जिस तरह से साइड लाइन करने की कोशिश किया उसका भी परिणाम उत्तर प्रदेश में दिखा था। लेकिन अभी हुए 9 विधानसभा उपचुनाव में योगी जी को कमान दी गई और उन्होंने उसमें से 7सीट जीत कर दिखा दिया कि आखिर योगी जी योगी ही है। खैर अब आते हैं एक बार फिर अयोध्या मिल्कीपुर के चुनाव पर जिसको 2027 के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है उत्तर प्रदेश में चाहे प्रधानी का चुनाव हो या विधानसभा सांसद का जातियों का समीकरण यहां बहुत मायने आज भी रखताहै। अब जानते है कीसबसे पहले यहां कौन सी जाति प्रभावशाली भूमिका में है तो उसको बताते हैं। अयोध्या की सीट पर जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है लंबे समय से पासी समाज का ही कब्जा रहा है कभी बीजेपी और या कभी समाजवादी दोनों दलों से पासी समाज के ही कैंडिडेट को टिकट मिलती है क्योंकि पूरी विधानसभा या लोकसभा में आंकड़े देखा जाए तो पासी समाज सिंगल जाति के रूप में सर्वाधिक है। और यह पासी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है इसी वजह से यहां से वर्तमान सांसद अजीत प्रसाद पासी 9 बार विधायक रहे हैं ।समाजवादी पार्टी ने इस बार सांसद पुत्र अजीत प्रसाद पासी को टिकट दिया है वही योगी की पसंद जिन्होंने चंद्र भान पासी एडवोकेट को भाजपा से टिकट दिया है इस विधानसभा में 70 हजार पासी 60 हजारयादव 50 ब्राह्मण 25000 ठाकुर और 25 हजार मुस्लिम वोट है। इसके साथ लगभग 50000 अन्य दलित वोट भी है यही वजह है कि यादव मुस्लिम और दलितो का गठबंधन होने के कारण लोकसभा में जीतहासिल की थी। लेकिन वर्तमान में योगी जी पासी समाज से 90 के दशक से जुड़े हैं और उन्हीं की वजह से पासी भाजपा के जुड़ा हुआ है दूसरी बात यह है कि पासी समाज जो मूल रूप से एक कट्टर हिंदू और सनातनी माना जाता है और उसके बारे में योगी राजनाथ सिंह लगातार कहते रहे हैं कि यह मुगल काल से लेकर अंग्रेजों के समय तक लगातार अनेक लड़ाई लड़े लेकिन उन्होंने कभी भी धर्म नहीं बदला इस वजह से कट्टर हिंदू और राजवंश जातीहोने की वजह से पासी जाति का वोट बीजेपी को जाता दिख रहा है। ऐसे में 50 हजार पंडित 25000 ठाकुर का साथ बनिया और 32 हजार चौरसिया पिछड़े के कुछ वोट जोड़ दिया जाए जो की मूल बोटबैंक है ।तो बड़े आराम से भाजपा यहां पर जीत रही है। वहीं समाजवादी की गणित देखे तो उनका सीधा सा फंडा है कि 55 हजार यादव 25 हजार मुस्लिम इस तरह से 95 हजार मूल वोट उनके पास है वही वही 50 हजार ब्राह्मण और 25 हजार ठाकुर के साथ बनिया और पिछड़ी जाति के वोट भाजपा के पास है अब लगभग 70 हजार पासी के वोटो से बीजेपी जीत जाएगी ऐसे में पासी समाज से योगी का लगाव या झुकाव से लगता है कि 50 हजार वोट लगभग पासी समाज के योगी के कहने पर भाजपा को मिलेंगे और बड़े आराम से जीत जाएगी क्योंकि लखनऊ को बसने वाले वहां के राजा लाखन पासी ने बनाया था और यही वजह रही कि जब समाजवादी या तमाम दल ने योगी जी से पूछा कि इसका नाम आप बदलेंगे तो योगी जी ने पासी समाज के इतिहास को बताते हुए कहा कि नहीं यह पासी समाज के धरोहर है और लखनऊ का नाम नहीं बदला जाएगा। इसलिए ऐसे बहुत से योगी के बयान सुनेंगे तो देखने को मिलेगा कि योगी का पासी समाज पर काफी विश्वास और भरोसा है।
साहनी ने कहा यही वजह है कि योगी और पासी समाज के लगाव की वजह से सर्वे में बड़े आराम से भाजपा उत्तर प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट अयोध्या जीत रही है क्योंकि पिछड़ा दलित अल्प संख्यक और संविधान खतरे में है नारा पूरी अब तरह फेल हो गया। या यू कहे कि देश की जनता के सामने एक्सपोज हो गया है पिछली बार विधानसभा में भाजपा मात्र 7000 वोटो से हारी थी लोकसभा के चुनाव में भी इस विधानसभा में भाजपा लगभग 13 हजार वोटो से बस पीछे थी और योगी जी ने पेशेसे अधिवक्ता और कागज के कारोबारी लोकप्रिय युवा चंद्र भानपासी को टिकट दिया है और ऐसे में लग रहा है जहां राम की भूमिका में योगी जी कमान संभाले हैं वहीं चंद्र भान लक्ष्मण की भूमिका में आकर इस बार मिल्कीपुर के चुनाव के किले को जरूर भेद लगाने में कामयाब होंगे। और सर्वे में आराम से अयोध्या मिल्कीपुर चंद्रभान पासवान लगभग 30 से 40 हजार वोटो से भाजपा इस हाई प्रोफाइल मिल्कीपुर योगी जी जीत रहे।

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