ब्रह्माकुमारी संस्था के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 54वां स्मृति दिवस ‘विश्व शान्ति दिवस’ के रुप मे मनाया गया।



प्रजापिता ब्रह्मा बाबा, एक ऐसे दिव्य महापुरुष, जिन्होंने स्वयं भगवान का दीदार कराया, जिन्होंने शांति दूत बन विश्व में परिवर्तन लाने का बीड़ा उठाया।

सेवा केंद्र की मुख्य प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने ब्रह्मा बाबा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्मा बाबा ने सन् 1937 में ब्रह्माकुमारी संस्था की नींव रखी। जिसके बाद ब्रह्मा बाबा ने स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन द्वारा विश्व शांति की अलख जगाई। संसार में ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं हुआ जिसने ब्रह्मा बाबा की तरह समाज उत्थान का पताका नारी शक्ति के हाथों में सौंपा। बाबा ने माताओं बहनों की परछाई बनकर उन्हें शक्ति स्वरूपा बना दिया। यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता का भाव जगा कर माताओं बहनों का सम्मान करते हुए इस महान सेवा की बागडोर के प्रतिनिधित्व का दायित्व उन्हें सौंपा। आज उसी का परिणाम है कि ब्रह्माकुमारी संस्था विश्वविख्यात हो गई है।

इसी मार्ग पर आंधी तूफान आए लेकिन बाबा सदा अचल रहे, क्योंकि उन्हें परमात्मा पर पूर्ण निश्चय था। उनके लिए यह कहना गलत ना होगा कि जब तक जिए सूरज बनकर आसमान मे चमके और जाने के बाद लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों में सदा काल के अमर हो गए।

वे एक महान विभूति थे जिन्होंने अपने त्याग और तपस्या के बल से समाज को एक नई दिशा प्रदान की।

इस अवसर पर सेवाकेंद्र इनचार्ज ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी, ब्रह्माकुमारी ममता दीदी, ब्रह्माकुमार निपुण भाई, उमेश भाई, राजीव भाई सहित अन्य उपस्थित अनेकों भाई बहनों ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।