सुपौल जिला का हॉट सीट छातापुर में विधान सभा चुनाव को लेकर बिछने लगी विसात, संजीव मिश्रा भी एक्टिव मूड में

फ्रेंड्स ऑफ संजीव मिश्रा ने दिए संकेत , चुनाव को लेकर गतिविधियां की गई है तेज

छातापुर /डा. रूद्र किंकर वर्मा।

पूर्णियां लोकासभा एवम रूपौली विधानसभा क्षेत्र में हुई निर्दलीय प्रत्याशी की जीत ने एन डी ए एवम इंडी गठबंधन को झकझोड़ कर रख दिया है। ऐसी परिस्थिति में हर पार्टी आसन्न विधान सभा चुनाव में प्रत्याशी ठोक बजा कर देगी।छातापुर के विकास के लिए सदैव प्रयत्न शील, अपनी मातृभूमि की कर्ज को उतारने के लिए दृढ़ संकल्पित पैनोरमा ग्रुप के सीएमडी संजीव मिश्रा का यहां से चुनाव लड़ना तय है। फ्रेंड्स ऑफ संजीव मिश्रा ने इसका संकेत दे दिया है।

कौन है संजीव मिश्रा!

पनोरमा ग्रुप के प्रबंध निदेशक संजीव मिश्रा जो सुपौल जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी दूर छातापुर प्रखंड अंतर्गत रामपुर पंचायत के लालपुर गांव निवासी हैं इन्होंने साल 2016 में अपनी कंपनी पनोरमा ग्रुप की स्थापना कर लोगों को मकान बनाने के साथ-साथ और भी विभिन्न सेक्टरों में कार्य कर रही हैं जिसमें मुख्य रूप से रियल एस्टेट, शिक्षा व स्वास्थ्य शामिल है।
जानकार बताते हैं कि सुपौल जिला के छातापुर के रामपुर , लालपुर गांव में किसान परिवार स्वनाम धन्य राधेश्याम मिश्र व भार्या देवी के घर किसान परिवार में 15 जून 1980 को जन्मे पनोरमा ग्रुप के प्रबंध निदेशक संजीव मिश्रा का लालन-पालन अपने गांव में ही हुआ. इनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव के ही सरकारी स्कूलो में हुई।
कष्टमय बीता बचपन
वे बताते हैं कि बचपन में जब वह रात में अपने घर में खटिया (बिस्तर)पर बैठकर जब पढ़ाई करता था तो बारिश के दिनों में छत नहीं होने से उनके बिस्तर पर पानी टपकता था तभी ही संजीव मिश्रा ने अपने मन में खुद बड़े होकर बिल्डर बनने को ठान ली.
हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए संजीव मिश्रा ने शहर का रुख किया.बाद मे उन्होंने अररिया जिला के फारबिसगंज काॅलेज में अपना दाखिला लिया. फारबिसगंज काॅलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद पूर्णिया काॅलेज से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी करके बिहार में रोजगार की तलाश की बहुत आपा-थापी के बावजूद उन्हें कहीं कोई रोजगार नहीं मिला इस बीच संजीव मिश्रा ने बच्चों को होम ट्यूशन पढ़ाने का निर्णय लिया.
यही नहीं संजीव मिश्रा ने ट्यूशन पढ़ाकर बच्चों के लिए हुए फीस से उन्होंने अपनी एक कंप्यूटर शिक्षण संस्थान की भी शुरुआत किया जिसमें अधिकतर छात्र कोशी-सीमांचल क्षेत्र के विभिन्न जिलों से पूर्णिया में रहकर पढ़ाई -लिखाई करने वाले कंप्यूटर की तालीम ले रहें थे।
पैनोरमा ग्रुप का निर्माण
पनोरमा ग्रुप के प्रबंध निदेशक संजीव मिश्रा की माताजी भार्या देवी जो कुछ दिनों से कैंसर जैसी खतरनाक जानलेवा बिमारी से ग्रसित थी जिनका इलाज दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में चल रही थी और वहीं उनका निधन हो गया मां के निधन के बाद संजीव मिश्रा के ऊपर मानों दुःख की पहाड़ टूट सा पड़ा और संजीव मिश्रा तब के दिनों में मात्र एक आम इंसान के तरह था.
मां के निधन से विचलित होकर उन्होंने कुछ दिनों बाद संजीव मिश्रा ने पूर्णिया से सीधे दिल्ली जाने वाली ट्रेन पकड़कर देश की राजधानी दिल्ली आकर हिन्दुस्तान टाइम्स अखबार में अपनी नौकरी शुरू किया.
कुछ सालों तक हिन्दुस्तान टाइम्स अखबार में नौकरी कर उन्होंने मीडिया से जुड़े हुए लोगों के बीच अपनी साफ छवि व मिलनसार व्यक्तित्व का परिचय देकरटी अखबार के दफ्तरों में मजबूत पकड़ बना ली।
कुछ दिन बाद संजीव मिश्रा ने अखबार में नौकरी करना छोड़ दिल्ली के नोएडा शहर में एक रियल इस्टेट के बिल्डर के साथ कार्य करना प्रारंभ कर दिया
धीरे -धीरे इन्होंने लगन के साथ खूब मेहनत कर खूब पैसा कमाकर एक सियाज कंपनी की कार खरीदी साल 2016 में अपने सपरिवार के साथ उसी सियाज कंपनी की कार से दिल्ली से अपने गांव की ओर रवाना हुए गांव पहुंचकर संजीव मिश्रा ने छातापुर पहुंचकर अपने कुछ रिश्तेदार परिवार से मिलकर सभी का कुशलक्षेम जाना तो देखा गांव में अभी भी बहुतों पढ़ा-लिखा लड़का बेरोजगार युवा घूम रहे हैं यह हालत देखकर एकबार फिर संजीव मिश्रा के मन को ठेस पहुंचा तब इन्होंने पनोरमा ग्रुप कंपनी की शुरुआत करने को ठान लिया और अपने छातापुर क्षेत्र के पढ़े लिखे लोगों को उनके योग्यता अनुसार रोजगार से जोड़कर अपने समाज के लोगों को गौरवान्वित किया.

लोगों को रोज़गार एवम करोना काल में उनकी सेवा से हुए चर्चित

इस तरह के अच्छे प्रयास से संजीव मिश्रा जी सम्मानित भी हुए.साल 2020 में आए भयंकर महामारी कोरोना वायरस में भी संजीव मिश्रा ने अपनी दरियादिली दिखाते हुए बिहार से बाहर फंसे मजदूर तबके के लोगों को अपने निजी कोष से सभी को राशन-पानी खाना आदि पहुंचाने से लेकर अपने पैतृक गांव छातापुर विधानसभा के सभी गांवों में खुद से जाकर घर-घर राशन पानी व आर्थिक मदद करने का सराहनीय काम किया था.
संजीव मिश्रा ने पनोरमा ग्रुप को रियल एस्टेट के साथ शिक्षा-स्वास्थ्य को अहमियत देते हुए अपने गांव रामपुर में इन्होंने पनोरमा पब्लिक स्कूल व पनोरमा हॉस्पिटल का भी निर्माण करवाया है। आगे डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, इंजिनियरिंग कॉलेज के अलावे पैनोरमा यूनिवर्सिटी खोलने की प्रकिया भी चल रही है।
राजनीति के क्षेत्र में बढ़ा कदम
कम ही दिनों में सामाजिक कार्यों में सक्रियता को देखकर संजीव मिश्रा को साल 2017 में राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के आला अधिकारियों ने इन्हें राष्ट्रीय जनता दल(राजद)के युवा राष्ट्रीय महासचिव मनोनीत किया सामाजिक कार्य में पूरे जोश-जज्बा से लगे संजीव मिश्रा को जब बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजद ने टिकट नहीं दिया तो इन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के कहने पर बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में चुनाव लड़ा हालांकि कुछ परिणाम सामने नहीं आया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सुगबुगाहट शुरू हो चुका हैं सुत्रो के मुताबिक एकबार फिर संजीव मिश्रा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चुनावी मैदान में होंगे.छातापुर के मतदाताओं के बीच उनके चुनावी अखाड़े में आने की चर्चा होने लगी है ।