समाज जागरण रंजीत तिवारी
रामेश्वर वाराणसी
ग्रामीण क्षेत्र में चार दिन तक लोक आस्था का महापर्व छठ की धूम रही। अंतिम दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न हो गई। इसी के साथ व्रतियों ने 36 घंटे बाद अपना व्रत खोला।ग्रामीण क्षेत्र के रामेश्वर, बरेमा, जग्गापट्टी ,खेवली, हरिहरपुर जंसा, चौखंडी सहित देहलीविनायक गांव में लोक आस्था के महापर्व छठ धूमधाम से मनाया गया। छठ पूजा के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। रामेश्वर वरुणा घाट व तालाब किनारे पूजा स्थलों पर शुक्रवार तड़के चार बजे से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। हाथों में प्रसाद का सूप थामें व्रती महिलाओं ने पानी में खड़ी होकर भगवान सूर्य देव की उपासना की।
उगते सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे बाद खोला व्रत
घाट और तालाब के किनारे जैसे ही सूर्य की पहली किरन दिखी, व्रती महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कामना की। इसके बाद पुत्रों व अन्य परिजनों को प्रसाद देकर 36 घंटे के कठिन व्रत का समापन किया। इस दौरान मेले जैसा माहौल रहा। छठी मइया के गीत गूंजते रहे। छठ पूजा में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हुए।
रामेश्वर वरुणा घाट पर मुस्तैद रहा प्रशासन
रामेश्वर वरुणा घाट और ग्रामीण क्षेत्रों के तालाब के किनारे हो रहे छठ पूजन स्थलों जंसा थाना और रामेश्वर पुलिस चौकी प्रभारी सहित महिला पुलिस काफी मुस्तैद रही जिसके कारण किसी भी प्रकार अप्रिय घटनाएं नहीं घटी।
डीजे पर रहा छठ गीतों का शोर
छठ पूजन कर रहे परिवार घाट और तालाब तक पहुंचने के लिए डीजे और बैंड बाजे की व्यवस्था किया था जिसमें छठ गीत भोर से सुनाई दे रहे थे।तो वही डीजे और बैंड बाजे के साथ लोग नाचते झूमते दिखाई दिए।