
समाज जागरण/शिवशंकर पाण्डेय जिला ब्यूरो
बालाघाट। सरकार ने गरीब बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए जिले जगह जगह हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराया है जिसके व्यवस्था के लिए हॉस्टल सुप्रिडेंट और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पोस्टिंग हुई है।जिस पर शासन हर महीने लाखो रुपया खर्च कर रही है लेकिन शासन के मंशा के खिलाफ जाकर होस्टल सुप्रिडेंट बच्चों के हक पर डाका डालकर अपनी जेब गर्म कर रहे है जिस पर विभाग आंख बंद कर धृतराष्ट्र बना हुआ है।अभी उकवा के हॉस्टल के बच्चों के द्वारा प्रदर्शन करने का मामला ठंडा भी नही हुआ था कि जिला मुख्यालय स्थित गोंगलाई कन्या छात्रावास की छात्राएं होस्टल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिनको अधिकारियों ने समझा बुझाकर शांत किया।जानकारी अनुसार जिले के दूरस्थ क्षेत्रों की छात्राएं गोंगलई कन्या छात्रावास में रहकर शिक्षा प्राप्त कर रही है, लेकिन छात्रावास में उन्हें मुलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है और न ही उनके साथ व्यवहार अच्छा किया जा रहा है। जिससे नाराज होकर एकजुट हुई छात्राओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया है। छात्राओं के प्रदर्शन की जानकारी लगते ही मौके पर प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्राओं को समझाइस दी और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं इस मामले में प्राचार्य वायके डोंगरे को छात्राओं की नाराजगी की वजह बताया गया जिनपर छात्रावास में मुलभूत सुविधाए न देने का जिम्मेदार ठहराया है।
*दाल में मिलावट करने का आरोप*
प्रदर्शन कर रही छात्राएं पलक कुसरे, रोहिणी परते, आरती वड़कड़े समेत अन्य ने बताया कि छात्रावास में ठीक तरह से खाना नहीं मिलता है और दाल में चावल का पानी मिलाया जाता है।सुबह नास्ता भी कम दिया जाता है। जिसके लिए कहने पर ठीक तरह से व्यवहार नहीं किया जाता है और कहा जाता है कि जितना मिल रहा है उतना ही बहुत है।
*खाना सही न मिलने से बीमार पड़ रही छात्राए*
छात्राओं ने बताया कि छात्रावास में ठीक तरह से खाना नहीं मिलने के कारण छात्राओं की तबियत खराब हो रही है और छात्राओं से संबंधित बीमारी होने पर महिला जिम्मेदार न हो पाने के कारण वे लोग अपनी समस्याओं को बता नहीं पा रहा है। वहीं किसी प्रकार की भी बीमारी होने पर पैरासिटामाल की दवा दी जाती है।
*छोटे बच्चियों को कमरे में बंद किया*
छात्राओं ने बताया कि जब बड़ी कक्षाओं की छात्राएं विरोध करने छात्रावास बाहर निकली तो छात्रावास प्रबंधन के लोगों ने छोटी स्कूल कक्षा छठवीं, सातवीं व आठवीं की छात्राओं को कक्षों में बंद कर दिया गया और ताला लगा दिया गया था लगातार ताला खोलने की बात कहने पर भी ताला नहीं खोला गया है। जिसके चलते छात्राओं ने ही हिम्मत दिखाकर किसी तरह से तालों को तोड़कर बाहर निकली है।
*प्राचार्य को नहीं हटाया तो छोड़ देंगे छात्रावास*
छात्राओं को समझाइस देने पहुंचे अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम, डिप्टी कलेक्टर, नगर निरीक्षक केएस गेहलोत समेत अन्य अधिकारियों से छात्राओं ने दो टूक कहा कि प्राचार्य छोटी-छोटी बातों पर परेशान करते है सबकुछ निशुल्क होने के बाद भी कोचिंग के नाम पर 9 हजार रुपये मांगे जाते है। इसके साथ ही अन्य समस्याएं है जिसके चलते ही प्राचार्य को तत्काल ही हटाया नहीं गया तो समस्त छात्राएं छात्रावास छोड़ देंगी और अपने-अपने घरों को वापस चली जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।