डायन होने के संदेह पर वृद्ध महिला की बलि कोर्ट में दी फांसी की सजा।



न्यायालय ने दी फांसी की सजा

बिभूति भूषण भद्र : दैनिक समाज जागरण: झाड़ग्राम पश्चिम बंगाल

झाड़ग्राम जिले के संक्रईल थाना अंतर्गत नुआगांव ग्राम में लगभग 6 वर्ष पूर्व डायन होने के संदेह पर पड़ोस मे रहने वाली दादी का सर धड़ से अलग कर निर्मम हत्या करने वाले युवक राधाकांत बेरा को फांसी की सजा सुनाई गई। झाड़ग्राम जिला व सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जीमृतवाहन विश्वास ने मुख्य अभियुक्त राधाकांत बेरा को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। उक्त घटना में अन्य तीन लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था परंतु साक्ष्य अभाव में उन्हें बेकसूर मानते हुए बरी कर दिया गया। गौरतलब हो कि 9 फरवरी 2017 को शाम के समय तरुलाता बेरा 65 वर्षीय वृद्ध महिला को बलपूर्वक घसीटते हुए एक शिव मंदिर के समीप ले जाकर राधाकांत बेरा द्वारा धारदार हथियार से सर से धड़ अलग कर बलि चढ़ा दिया एवं कटा हुआ सर को लेकर गांव में घूमता रहा। उसी दिन रात्रि समय में उक्त वृद्ध महिला की पुत्री आरती बेरा ने संक्रईल थाना में लिखित आवेदन दिया। तत्पश्चात पुलिस हरकत में आकर जांच के बाद राधाकांत को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के द्वारा साजिश का मामला दर्ज कर स्थानीय एक ओझा एवं राधाकांत के पिता मिहिर बेरा माता कविता बेरा को गिरफ्तार किया | तत्पश्चात जांच अधिकारी प्रशांत कुमार सीट द्वारा 26 अप्रैल 2017 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया गया | तथा अन्य तीन अभियुक्तों को कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा सशर्त जमानत पर छोड़ दिया गया। 29 जून 2018 में झाड़ग्राम प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय मे इस मामले की सुनवाई हुई जिसमें 19 लोगों की गवाही ली गई थी। संक्रईल थाना कांड संख्या 12/2017 दिनांक 9/2/2017 हत्याकांड के आलोक में मुख्य अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राधाकांत हमेशा अस्वस्थ रहा करता था। स्थानीय ग्रामीण ओझा द्वारा झाड़-फूंक कर तरुलाता को डायन बताया था। इसे लेकर राधाकांत के परिवार के लोगों के साथ उक्त महिला की अशांति लगी रहती थी | बताया जाता है की झाड़ग्राम न्यायालय द्वारा फांसी के सजा सुनाए जाने की संभवत: यह प्रथम घटना है। घटना को लेकर शहर में चर्चा आम है|