डेंगू के संभावित खतरों से निपटने के लिए विभाग मुस्तैद ,प्रमुख अस्पतालों में विशेष डेंगू वार्ड

अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा।

जिले में डेंगू के खतरों के प्रति विभाग पूरी तरह सजग है। अब तक जिले में डेंगू संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। बावजूद विभाग संभावित खतरों से निपटने के लिये पूरी मुस्तैद है। इसके लिये आशा कार्यकर्ताओं से लेकर सभी पीएचसी के प्रभारी पदाधिकारी सहित निजी चिकित्सकों को विभागीय स्तर से विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। पूर्व में डेंगू संक्रमण के लिहाज से हॉटस्पॉट इलाकों में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग द्वारा टेमिफोस का छिड़काव किया जा रहा है। जिला अस्पताल वो अनुमंडल अस्पताल सहित जिले के सभी प्रमुख अस्पतालों में डेंगू मरीजों के उपचार के लिए विशेष वार्ड बनाए गये हैं। जहां विशेषज्ञ चिकित्सक व प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती की गई है।
जिले में बढ़ी है संक्रमित मच्छरों की सक्रियता
जिले में हर साल बड़ी संख्या में डेंगू के मामले सामने आते हैं।  वर्ष 2022 में जिले में डेंगू के कुल 213 मामले सामने आये थे। वहीं वर्ष 2023 में डेंगू के करीब 135 मामले सामने आयें। जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व में डेंगू के अधिकांश मरीज माइग्रेटेड हुआ करते थे। लेकिन वर्ष 2023 में इस ट्रेंड में बड़ा बदलाव देखा गया। इस वर्ष बड़ी संख्या में वैसे मरीजों को चिह्नित किया गया। जिनका कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं था। जो ये दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर भी अब डेंगू संक्रमित मच्छर पहले की तुलना में अधिक सक्रिय हो चुके हैं। जो रोग के प्रसार के लिहाज से चिंताजनक साबित हो सकता है। विभाग इसे बड़ी चुनौती के रूप में देखता है।
उपचार के लिये किये गये हैं विशेष इंतजाम

वीबीडीसीओ रामु कुमार ने बताया कि डेंगू के संभावित खतरों से निपटने के लिये जिले में विभिन्न स्तरों पर जरूरी तैयारी की गयी है। जिले के प्रमुख अस्पतालों में इसके लिये विशेष वार्ड बनाया गया है। सदर अस्पताल में बनाये गये विशेष डेंगू वार्ड में 10 बेड, अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में 05 बेड व सभी पीएचसी में डेंगू मरीजों के लिये दो बेड आरक्षित रखा गया है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू संबंधी मामलों की निगरानी के लिये नोडल अधिकारी व रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है।