यहां की महिमा है अपरंपार, पुर्ण होती हैं मनोकामनाएं
समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ जिले के पालीगंज अनुमंडल के दुल्हिन बाजार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत उलार गांव स्थित विश्व प्रसिद्ध बारह अर्क स्थलों में से एक द्वापरकालीन पौराणिक ओलार्क सूर्य मंदिर स्थित है। जहां चार दिवसीय लोक आस्था के पवित्र छठ पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को छठ वर्तोयो की भीड़ उमड़ पड़ी। कहा जाता कि इस मंदिर की महिमा अपरंपार है जहां पूजा अर्चना करने से सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।इसी वजह से लोक आस्था और अटूट विश्वाश के प्रतीक छठ महापर्व के अवसर पर यहां श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ती है। यह जिला मुख्यालय पटना से 40 किलोमोटर और पालीगंज अनुमंडल मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। उलारधाम सूर्य मंदिर की मेला परिसर लगभग तीन किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैला हुआ रहता है। जिसमें उलार धाम, अलीपुर, भरतपुरा, दुल्हिन बाजार, लाला भदसारा, रकसिया, अछुआ सहित आसपास के कई गांवों तक मेला परिसर का फैलाव रहता है। मेले परिसर में भीड़ को नियंत्रित करना पटना जिला प्रशासन और पालीगंज अनुमंडल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती रहती है।
प्रशासनिक तैयारियां
यहां छठ पूजा सम्पन्न कराने की दायित्व पटना जिला प्रशासन और पालीगंज अनुमंडल प्रशासन के लिए चुनौती पूर्ण होता है। यहां जुटने वाले लाखों श्रद्धालु भक्तों की सुविधाओं की विशेष ध्यान रखने हुए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़ी व्यवस्थाएं की गई है। जगह-जगह पर महिला और पुरुष सैकड़ो सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही ऐतिहासिक तालाब के गहरे पानी की बैरिकेटिंग के साथ-साथ किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम वोट के साथ तैनात की गई है। साथ ही छठ व्रतियों की सुविधाओं के लिए चेंजिंग रूम, शौचालय की व्यवस्था, स्वच्छ पीने की पानी की व्यवस्था सहित किसी भी आपातकाल स्थिति में इमरजेंसी के लिए मेडिकल टीम के साथ कई एंबुलेंस गाड़ी मौजूद है। छठ व्रतियों को रहने के लिए कई टेंट सिटी की तात्कालिक निर्माण सरकारी एवं निजी संस्थानों द्वारा की गयी है। साथ ही मेले और छठ पूजा को लेकर जुटी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सैंकड़ों निजी वोलेंटियर के तैनाती सहित निजी संस्थाएं तथा कई राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लाखों छठ व्रतियों के बीच पूजा सामग्रियों का वितरण भी किया गया है। पटना जिला प्रशासन और सूर्य मंदिर प्रबंधन समिति का मानना है कि हर साल को तरह इस वर्ष भी छठ पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालु भक्तों की भीड़ दिन प्रति दिन बढ़ती रही है। एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष कार्तिक छठ पूजा के लिए लगभग पांच लाख छठ व्रतियों तथा श्रद्धालुओ की भीड़ जुटी है। जिसकी निगरानी सीसीटीवी तथा ड्रोन कैमरे से की जा रही है।
- पूर्व में कैसे होती थी तैयारियां *
श्रद्धालुओं तथा ब्रतियो की सुविधाओं के लिये पूर्व में मंदिर पूजा कमिटी की ओर से ही सभी ब्यवस्था की जाती थी। लेकिन वर्ष 2016 में छठ पूजा की ब्यवस्था की जायजा लेने पहुंचे पटना जिला विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार ने बिहार सरकार की ओर से पांच लाख की राशि उपलब्ध कराई थी। तब से कार्तिक छठ पर्व के अवसर पर आयोजित होनेवाली उलार महोत्सव को संचालन के लिए सरकार की ओर से भी आर्थिक सहयोग किया जा रहा है। साथ ही इस मंदिर को राष्ट्रीय पञ्चांग से भी जोड़ दिया गया है। वही बढ़ती महंगाई को देखते हुए इस वर्ष उलार महोत्सव के आयोजन के लिए सरकार की ओर से अधिक राशि मिलने की उम्मीद की जा रही है। - क्या है मान्यताएं *
हिंदुओ का महान धर्मग्रन्थ शाम्ब पुराण के अनुसार ओलार्क सूर्य मंदिर का निर्माण ऋषि गर्ग द्वारा कुष्ठ रोगी होने के लिए दिये गए श्राप से मुक्ति के लिए द्वापरकाल में श्रीकृष्ण के जामवंती पुत्र राजा शांब ने कराया था। क्योंकि राजा शाम्ब को गर्ग ऋषि की श्राप से भयंकर कुष्ठ हो गई थी। अपने भयंकर कुष्ठ व्याधि की मुक्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण द्वारा सुझाए गए मार्ग के बाद राजा शांब ने गर्ग ऋषि की अपने द्वारा किए गए अपमान की क्षमा मांगते हुए उनसे श्राप मुक्ति के उपाय मांगा था। जिसपर गर्ग ऋषि ने राजा शाम्ब को क्षमा याचना से प्रसन्न होकर भयंकर कुष्ठ व्याधि से मुक्ति के उपाय बताए थे। जिसमें उन्होंने सूर्य उपासना के लिए बाहर अर्क स्थलों की स्थापना कराते हुए बारह अलग अलग जगहों पर सूर्य मंदिर की निर्माण कर वहां सूर्य उपासना करने को कहा था। जिसके बाद राजा शांब ने अपने कुष्ठ व्याधि से मुक्ति के लिए पूरे विश्व में सूर्य उपासना …