धनबाद रोटी बैंक यूथ क्लब बुझा रही कोयलांचल में गरीबों की पेट की आग

समाज जागरण, चन्द्र प्रकाश जिला संवाददाता
धनबाद (झारखण्ड):-
खाना इंसान की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। इसकी सहजीय कल्पना की जा सकती है कि , जिन लोगों को 2 वक़्त की रोटी नसीब नहीं होती उनकी जिंदगी कितनी कष्टप्रद और बदत्तर होती है ? कहा भी जाता है कि ” नर सेवा नारायण सेवा “
आज बात एक ऐसे इंसानी फरिश्ते ” रवि शेखर ” और उनके साथियों की जिन्होंने अपनी जिंदगी गरीबों को पेट भरने और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दी है। रवि शेखर ने अपने मानवहित के कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। आईए जानते हैं उनके कार्यों को…
मौत को करीब से देखने के बाद जिंदगी क्या है पता चली
वह 2015 का वर्ष था जब रवि शेखर एम.बी.ए .करने के बाद दिल्ली में एक बैंक में कार्यरत थे। उसी वर्ष उनके साथ एक घटना घटी और उन्हें अपना किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ा। इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में गरीबों के सामने आने वाली भीषण समस्याओं को करीब से देखा। किसी को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा तो , किसी को एक समय के खाने से काम चलाना पड़ रहा था, कोई भूखा था , किसी को दवाई नहीं मिल रही थी, कोई खून के इंतजाम में परेशान है। इन्हें खुद जब खून की जरूरत थी तो बहुत ही मुश्किलातों का सामना करना पड़ा था। इन सब दृश्यों को देखकर उनका मन उन जरूरतमंदों के लिए कुछ करने हेतु प्रेरित होने लगा। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद ढेर सारे परहेज और स्वास्थ्य संबंधी अच्छी देखरेख की जरूरत होती है इसलिए वह दिल्ली छोड़कर अपने शहर धनबाद आ गए। रवि शेखर को लगा कि मैं खुद मर के बचा हूं तो कुछ ऐसा क्यूं ना किया जाए जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। इस तरह रवि शेखर के अंदर गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कुछ करने की प्रेरणा जागी।
सेवा का शुरुआती सफर
रवि शेखर जरूरतमंदों की सेवा हेतु दृढ़ संकल्पित हो चुके थे और शुरुआत में उन्होंने गरीबों को पेट भरने का काम शुरू किया। दो-तीन दोस्त मिलकर मिलकर जितना संभव हो सके गरीबों का पेट भरने का काम करते रहे। रवि शेखर के साथ भी ऐसा हीं हुआ। इनके और इनके दोस्तों के द्वारा किया जा रहा सेवा कार्य रंग लाने लगा और लोग इस बेहतरीन कार्य को ना सिर्फ सराहना शुरू किए बल्कि वे रवि के साथ भी आने लगे और इस तरह भूखों को पेट भरने का यह कार्य निरंतर बढ़ता चला गया। तीन लोगों से शुरुआत हुआ , यह सफर आज 100 लोगों तक पहुंच गया है। आज इस टीम में 100 से ज्यादा लोग हैं , जो नियमित रूप से भूखे लोगों को खाना खिलाने के साथ-साथ अन्य सेवा कार्य करते हैं।

आखिर कैसे होती है हजारों लोगों के लिए खाने की व्यवस्था

भूखे लोगों को खाना खिलाने हेतु खाने के इंतजाम के लिए “रवि शेखर” जी ने बताया कि , वे लोग लगभग 200 घरों से प्रतिदिन खाना एकत्रित करते हैं। सुबह 6 बजे इनके टीम के सदस्य बाइक या स्कूटी से खाना एकत्रित करने के लिए निकल जाते हैं। लोग अपने घरों से प्लास्टिक या अन्य कैरी बैग में खाना देते हैं । जिसके बाद गाड़ी में लगे कंटेनरों में ये लोग खाना एकत्र करते हैं। प्रतिदिन घरों से मिलने वाले खाने के अलावा लोगों के घर में होने वाले विभिन्न अवसरों पर इन्हें खाना उपलब्ध हो जाता है। इसे लेकर ये लोग चौक-चौराहे, स्टेशन, स्लम क्षेत्रों में जाकर खाना वितरित करते हैं।

प्रदेश में चल रहे रक्तदान शिविर में भी हिस्सा लेते हैं रोटी बैंक

भूखे लोगों को खाना खिलाने के साथ-साथ ब्लड डोनेशन भी इनका प्राथमिक कार्य है। रवि जी ने बताया कि हम लोग ब्लड डोनेशन को खासा प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह भी किसी की जिंदगी बचाने का काम करता है। जब भी इन्हें किसी जरूरतमंद को खून मुहैया कराने की अपील आती है तो यह उस पर विशेष ध्यान देते हैं यह कोशिश करते हैं कि किसी भी तरह उनकी जरूरत पूरी की जा सके। अपने टीम के सदस्यों के साथ-साथ ये अन्य राज्यों में भी अपने नेटवर्क के जरिए खून की जरूरत पूरी करवाते हैं।
रोटी बैंक ने अब तक सैकड़ों गरीब लड़कियों की करवाई है शादी
गरीब घरों की लड़कियों की शादी करवाने में रवि और उनकी टीम के सदस्य हर संभव मदद करने की कोशिश करते हैं। टीम के सभी सदस्य आपस में हीं पैसे एकत्रित करते हैं और उन पैसों से जो भी जरूरत का सामान जैसे गोदरेज, राशन इत्यादि हो पाता है, मुहैया करवाते हैं। इन लोगों ने अब तक सैकड़ों गरीब लड़कियों की शादी में मदद की है।

प्रदेश के लोगों का भी मिल रहा समर्थन
इन्हें कोयलांचल के लोगों का भी अच्छा खासा समर्थन मिलता है। जब भी जरूरत पड़ती है तब या तो लोग खुद मदद कर देते हैं या ये लोग सक्षम लोगों से संपर्क करते हैं जिसके बाद इन्हें हर संभव मदद मिल जाती है।” रवि शेखर ” ने बताया कि धनबाद शहर के लोगों का हमें पूरी तरह समर्थन है। लोग सराहना करने के साथ-साथ हमारी मदद भी बढ़-चढ़कर करते हैं। यही कारण है कि सेवा कार्य में लगा यह संगठन लोगों के लिए प्रशंसनीय है।