शहडोल में एथेनॉल उद्योग स्थापित होने से मिलरों को अब मिलेगी राहत : जकरिया

घाटे में चल रहा राइस मिल उद्योग बंद होने के कगार पर, मुख्यमंत्री से रेट बढ़ाने की मांग

शहडोल।राइस मिल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश चावल उद्योग महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष मोहम्मद जकरिया ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा आगामी 16 जनवरी को शहडोल में आयोजित हो रहे रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव से निश्चित रूप से शहडोल संभाग में औद्योगिक विकास के द्वार खुलेंगे और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। जिला प्रशासन खासकर कलेक्टर डॉ केदार सिंह इस आयोजन को सफल बनाने हेतु तैयारी में जुटे हुए हैं।
जकरिया ने आगे कहा कि वर्तमान में राइस मिल उद्योग घाटे में चल रहा है और बंद होने के कगार पर है। शहडोल संभाग सहित पूरे प्रदेश में राइस मिल उद्योग के सामने आर्थिक संकट व्याप्त है। उन्होंने कहा कि राइस मिलर धान की मिलिंग तेजी से नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 4 दिसंबर को संगठन द्वारा भोपाल में प्रदेश भर के मिलर आंदोलन किए थे और 9 सूत्री मांगों ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया था। मुख्यमंत्री जी ने अग्रेशन राशि का मुद्दा स्वीकार किया था और कैबिनेट में भी इसे मंजूरी दी थी। शासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया परंतु नागरिक आपूर्ति निगम से यह आदेश अभी तकजिला मुख्यालय तक नहीं पहुंचा है। इसलिए हमारे आगे के वर्ष 24-25 की राशि की घोषणा न होने से पूरे प्रदेश व जिला संभाग में मिलर उस तेजी से मिलिंग नहीं कर पा रहे हैं इस तेजी से वर्ष 23-24 में किए थे।

हर साल रेट घटाया जा रहा

श्री जकरिया ने बताया कि शान द्वारा मिलिंग का रेट हर साल घटाया जा रहा है। वर्ष 22-23 में 120 रुपए क्विंटल जो रेट था उसे घटाकर वर्ष 23-24 में 100 रुपए कर दिया गया तथा वर्ष वर्ष 24-25 में 60 रुपए कर दिया गया। इसी तरह वर्ष 22-23 एवं 23-24 को ट्रक के लोडिंग अनलोडिंग का पैसा 24 रुपए क्विंटल मिलता था अब वर्ष 24-25 में 4 रुपए कर दिया गया। यही कारण है कि पहले हम एक दिन में 1000 क्विंटल धान की मिलिंग करते थे पर अब 100-200 क्विंटल मिलिंग हीकर पाते हैं।

जिले में संचालित 40 राइस मिल एवं संभाग में 90 चल रही

जकरिया ने बताया कि शहडोल जिले में 40 राइस मिल संचालित है जबकि पूरे शहडोल संभाग में 90 राइस मिल चालू है और पूरे प्रदेश में 1150 राइस मिल काम कर रहे हैं तथा इन राइस मिलों में लाखों कर्मचारी कार्यरत है।

मुख्यमंत्री से 50 रुपए बढ़ाने की मांग

श्री जकरिया ने बताया कि हम संगठन के माध्यम से लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मांग करते हैं कि राइस मिलों का 50 रुपए क्विंटल के हिसाब से रेट बढा दिया जाए तो शासन का करोड़ों रुपए बच सकता है।

क्योंकि धान खरीदी जो हो रही है उसे गोदाम में शिफ्ट करने के लिए ट्रक लोडिंग अनलोडिंग ट्रांसपोर्टिंग एवंगोदाम का किराया में सरकार का काफी पैसा खर्च हो जाता है जबकि सोसाइटी या समिति से मिलर सीधे धान उठाकर अपने राइस मिल ले जाता है तो सरकार का करोड़ों रुपए बच सकता है।

एथेनॉल उद्योग से शहडोल के मिलरों को मिलेगी राहत

श्री जकरिया ने कहा कि शहडोल के ग्राम पटासी में स्थापित एथेनॉल उद्योग से राइस मिलों के संचालकों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी एवं उन्हें लाभ मिलेगा क्योंकि अभी तक हम लोग भोपाल, इंदौर, सतना, कटनी, बिलासपुर छ.ग. नेवर एवं बिहार चावल का खंडा एवं भूसी बेचने जाते थे। परंतु अब शहडोल में एथेनॉल उद्योग के शुभारंभ से चावल का खंडा एवं भूसीं बाहर नहीं भेजना पडेगा। चावल खंडा का उत्पादन हमारे मिलरो में दो से ढाई सौ क्विंटल प्रति दिन होता है तथा चार ट्रक भूसी प्रतिदिन निकलती है। एथेनॉल उद्योग प्रकाश रस्तोगी एवं मनोज सिंह परिहार द्वारा शहडोल में स्थापित किया गया है। इससे जहां एक और मिलर को लाभ होगा वहीं दूसरी ओर सैकड़ो लोगों को रोजगार मिलेगा।

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