नव प्रवेशित छात्रों का किया गया सम्मान समारोह

सदर संवाददाता अल्ताफ़ कादरी। दैनिक समाज जागरण

सोनभद्र। विंध्य कन्या महाविद्यालय रॉबर्ट्सगंज में मंगलवार को डीएलएड प्रथम सेमेस्टर में नव प्रवेशित छात्राओं का सम्मान किया गया ।कार्यक्रम के प्रारंभ में पूज्य आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण पीठाधीश्वर सिद्ध पीठ श्री हनुमान निवास अयोध्या द्वारा सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्वलन कर किया गया ।तत्पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर अंजली विक्रम सिंह व मुख्य ट्रस्टी डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया ।इसके पश्चात छात्राओं द्वार भजन वह लोक नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। छात्राओं मुख्य रूप से सुधा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहां के इस विद्यालय से हमारा गहरा संबंध हो गया है क्योंकि इस विद्यालय के अध्यापक व अध्यापिकाएं हमारे पूरे सत्र मार्गदर्शन करती रही। तत्पश्चात मुख्य अतिथि ने छात्रों को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि आज बालिकाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। अपने उद्बोधन में कहा कि श्री राम की महिमा में सबसे ज्यादा महत्व दिए जाने वाले शब्दों में से एक है लोकाभिराम इसका अर्थ है कि वह जो दुनिया या लोगों के लिए प्रिया और मनोहर है लोग एक अलौकिक तत्व के माध्यम से प्रकट होता है जो एक अन्य सांसारिक शक्ति को प्रतिबिंबित करता है इसलिए भारतीय दर्शन कहता है यहां सब कुछ भ्रम है जो लोग इस तत्व को पहचानते हैं वह ऊंच नीच के बीच अंतर करते हैं नियम बनाते हैं और निषेध स्थापित करते हैं आगे उन्होंने कहा कि भारत एक संस्कृति आधारित देश भारत सभ्यता आधारित राष्ट्र नहीं है सभ्यता बाहरी और कृत्रिम है जबकि संस्कृति आंतरिक और मौलिक है जब हम संस्कृत के तत्व में गहराई से उतरते हैं तो हमें पता चलता है कि यह धर्म में निहित है धर्म अस्तित्व को उसकी मूल भावना में बनाए रखने की अवधारणा है वेद बताते हैं कि मंथन का असर कठोर चीजों को नरम करने उसे कुचलना तरल और सरल बनाने का है मंथन का उद्देश्य कठोर परंपराओं आचरण या भावनाओं को अधिक तरल और सुलभ बनाना है अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अंजलि विक्रम सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम नए शैक्षणिक साल की शुरुआत करने के लिए आयोजित किया जाने वाला कार्यक्रम है यह महाविद्यालय की परंपरा है इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए छात्रों का स्वागत करना और उनका आत्मविश्वास बढ़ाना होता है यह कार्यक्रम छात्रों के शैक्षणिक और सामाजिक जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है महाविद्यालय के सीनियर छात्राएं नए छात्राओं से मिलती हैं जिससे नव प्रवेशीत‌ छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता कार्यक्रम में मिस फ्रेशर्स मोनिका सेठ डीएलएड प्रथम सेमेस्टर को चुना गया का तथा खेल में आंचल और आराधना को पुरस्कृत किया गया । विश्वविद्यालय में टॉप 10 की सूची में आने वाली छात्राओं को भी महाविद्यालय द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात प्राचार्य ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया अतिथियों में मुख्य रूप से आलोक चतुर्वेदी अशोक मिश्रा मधुकर चौबे, अवधेश दीक्षित, आलोक चतुर्वेदी, कार्यक्रम संयोजक उपस्थित रहे। साथ ही साथ महाविद्यालय के समस्त प्रवक्ता व कर्मचारी उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन कृतिका पाठक व आरती डीएलएड तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं द्वारा किया गया।

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