सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां एक साथी कर से बरामद किए गए 25 लाख के सोने को बेचने के मामले में पु
पूरी की गई जांच में रेल बाजार के पूर्व थानाध्यक्ष विजय दर्शन शर्मा समेत चार लोग दोषी पाए गए हैं ,जिनके खिलाफ अब पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की ओर से कार्रवाई किए जाने की तैयारी है।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में जांच कमेटी ने पूर्व एसओ विजय दर्शन शर्मा, अंडर ट्रेनिंग दरोगा रविंद्र श्रीवास्तव, एचसीपी आमिल हाफिज और कार चालक आकाश को दोषी माना है। जबकि हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी को क्लीन चिट दे दी है।
आरोप है कि चारों दोषी पुलिस कर्मी सर्राफ की दुकान पर गए थे। जहां से सोना गलाकर चोर को छोड़ा गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने रेलबाजार एसओ रहे विजय दर्शन शर्मा समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित करके जांच के आदेश दिए गए थे। जिसके खिलाफ हाई कोर्ट जाने पर दरोगा विजय दर्शन बहाल हो गए थे, जबकि अन्य पुलिस कर्मी अभी भी निलंबित चल रहे है। इस बहुचर्चित मामले की जांच एडीसीपी ईस्ट राजेश श्रीवास्तव ने की थी। जिसमें उन्होंने थाना अध्यक्ष विजय दर्शन शर्मा सहित और अंडर ट्रेनिंग दरोगा सहित चार लोगों को दोषी पाया है।
अवगत कराते चलें कि बर्रा-6 में रहने वाली शिक्षिका शालिनी दुबे के घर से 10 अक्टूबर को 30 लाख से ज्यादा की चोरी हुई थी। तत्कालीन रेलबाजार एसओ विजय दर्शन ने चोरों को अरेस्ट करके 25 लाख का सोना बरामद किया और हड़प लिया था। इसके बाद चोरों को भी छोड़ दिया था, लेकिन बर्रा पुलिस ने चोरों को अरेस्ट किया तब दरोगा विजय दर्शन शर्मा द्वारा किए गए सोना बेचने के खेल का खुलासा हो गया था।