हंगामा फिर क्यों है बरपा••!!

*बैठकी*
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बैठकी जमते हीं उमाकाका बोल पड़े–“ए सरजी! आज मुझे गांधीजी पर बड़ा गुस्सा आ रहा है।”
अरे! अपने राष्ट्रपिता पर ऐसा क्यों काकाजी!!–मास्टर साहब सोफे पर एक ओर जमते हुए।

देश का बंटवारा, धर्म के आधार पर तो गांधी ने स्वीकार कर लिया था फिर समझौते के अनुसार सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया होता और वहाँ से सारे हिंदुओं को भारत बुला लिया होता तो आज भारत बहुत से मुसिबतों से बच गया होता। या जिद्द करके अलोकतांत्रिक तरिके से नेहरू की जगह निर्वाचित सरदार पटेल को हीं  प्रधानमंत्री बनने दिया होता तो आज जिन गंदी तुष्टिकरण और हिंदू विरोधी राजनीति का सामना करना पड़ रहा है, वो नहीं होता।–काकाजी खिन्न लगे।

काहे काकाजी! अतना तैश में लागतानी!–मुखियाजी खैनी रगड़ते हुए।

मुखियाजी, काकाजी का तैश में आना वाजिब है । देश बंटवारे के बाद जो हिंदू, सिख,ईसाई, जैनी या पारसी,पाकिस्तान,बंगलादेश या अफगानिस्तान रह गये थे उनका वहाँ धर्म के आधार पर बुरी तरह से प्रताड़ना होती रही है।वहाँ या तो धर्म बदलने को मजबूर किया जाता रहा है या इनकी बहन,बेटियों को लूट लिया जाता रहा है।ऐसी प्रताड़ना से जान बचाकर वहाँ से भागकर आये शरणार्थियों को,भारत की नागरिकता प्रदान करने का कानून-“सीएए” अर्थात नागरिकता संशोधन बिल है। लेकिन इस कानून को  मोदी सरकार ने लागू क्या किया कि सारे मुस्लिम परस्त विपक्षियों को मिर्ची लग गयी है। जिन जिन राज्यों में विपक्षियों की सरकार है जैसे बंगाल, केरल वहाँ के मुख्यमंत्री, उस राज्य में मुस्लिम तुष्टिकरण के मद्देनजर, इस कानून को नहीं लागू करने की कसमें खा रहे हैं। कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं द्वारा इस कानून को मुसलमानों के खिलाफ बताकर,उन्हें डराया जा रहा है ताकि देश का माहौल खराब हो जाये जबकि यहाँ के मुस्लिम नागरिकों का उससे कोई मतलब नहीं है।–सुरेंद्र भाई बोल पड़े।

एक बात देश के मुसलमानों को समझनी चाहिए कि कांग्रेस ने यहाँ के अल्पसंख्यकों को भारत का नंबर एक नागरिक बनाने के लिए, हिन्दू कोर्ट बिल,अल्पसंख्यक आयोग,मंत्रालय, पूजा स्थल कानून,वक्फ बोर्ड आदि अनेकों कानून बनाये तो बहुसंख्यक हिंदुओं ने कुछ नहीं कहा।बस कांग्रेस के कुकर्मों और षडयंत्र से आंखें मुंदे रहे, बर्दाश्त करते रहे और कभी हिन्दू बहुसंख्यक समुदाय, हंगामा नहीं किया कि ऐसा अनेत क्यों कर रहे हो!!जब राजीव गांधी ने करोडों बंगलादेशी शरणार्थियों और घुसपैठियों को एक झटके में भारत की नागरिकता दे दी थी तो हिंदूओं ने हंगामा किया था क्या!! जिसके आधार पर कल का भी घुसपैठिया कहता है कि मैं 1971 से भारत में हूँ। अब जब मोदी सरकार ने, हिंदू और गैर मुस्लिम होने के चलते,ये पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान के बहुसंख्यक मुस्लिमों द्वारा दी जा रही  प्रताड़ना से जान बचाकर अपने हिंदू देश, भारत आये तो इन्हें, “सीएए” लागू करके नागरिकता देने का मुस्लिम समुदाय विरोध कर रहा है।अजीब अंधेरे गर्दी है!!–डा.पिंटू हाथ चमकाये।
इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः बहस में……….
एक बात देखिये!ये ओबीसी जो, मुसलमानों की राजनीति करता है और अपनी राजनीतिक गोटी सेंकने के लिये, मुस्लिम और दलित को साधने की कोशिश करता है फिर भी यहाँ “सीएए’ का विरोध कर रहा है।जबकि यहाँ आये शरणार्थियों में अधिकांश दलित और पिछड़े समुदाय से हैं।यही नहीं 2024 के चुनाव में सभी विपक्षी दल, पिछड़े और दलितों की जातिगत राजनीति को प्रमुखता दे रहे हैं क्योंकि इन लोगों के पास दुसरा कोई मुद्दा है नहीं! फिर भी इन्हीं जातियों के शरणार्थियों को नागरिकता देने का विरोध भी कर रहे हैं।–कुंवरजी अखबार एक ओर रखते हुए।

कुंवरजी! यहाँ इन विपक्षियों का मूख्य मतलब तुष्टीकरण से है। ये अच्छी तरह जानतें हैं कि कुछ भी करो,हिंदू महामूर्ख होता है।उसे जातिवाद के नाम पर हमेशा बेवकूफ बनाया जा सकता है।आखिर आजादी के बाद से हीं 75-76 बर्ष का अनुभव जो है!!–डा.पिंटू मुंह बनाये।

भूल गये क्या!!”सीएए” और “एनआरसी” को लेकर 2019 में हुआ,शाहिनबाग कांड और फिर दिल्ली दंगा!!
देश के मुस्लिम नेताओं का कहना है कि इस कानून में मुसलमानों को भी क्यों स्थान नहीं दिया गया!! तो भला बताइये, किसी मुस्लिम देश में धार्मिक आधार पर किसी मुस्लिम की प्रताड़ना होती है क्या!!–सुरेंद्र भाई अपनी कहे।
मुखियाजी! “सीएए” लागू होने की खबर से खुश होकर, पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान के कट्टरपंथियों के शोषण के शिकार,दलित और पिछड़े शरणार्थी हिंदुओं ने जमके त्योहार मनाया है क्योंकि ये अपनी बहन बेटियों की इज्ज़त बचाने के लिए दुनिया के एकमात्र हिंदू देश भारत में शरण ली है।ठाकुरनगर,प.बंगाल के मतुआ और राजबोंगशी समुदाय में गजब का उत्साह दिखा!इसका प्रभाव निश्चय हीं आगामी चुनाव में दिखेगा।
कांग्रेस, टीएमसी, वामपंथी, आप पार्टी,सपा मतलब पुरा विपक्ष,करोड़ों बंगलादेशी और रोहंगियों को बसाकर सारी सुविधायें देता आया है। लेकिन डेढ़ लाख हिंदुओं को नागरिकता न मिले इसके लिए सीएए का विरोध कर रहा। और यही मूर्ख हिंदू इन्हें सत्ता पर बिठाता है।–मास्टर साहब पहलू बदले।

मास्टर साहब, विपक्षी कह रहे हैं कि 24 के चुनाव को लेकर भाजपा “सीएए” लेकर आयी है तो मेरा कहना है कि विभिन्न विरोधी विचारधारा के विपक्षी एक होकर “इंडी गठबंधन” क्या होली खेलने के लिए बनाये हैं!!–कहकर सुरेंद्र भाई हंस पड़े और सबसे चेहरे पर मुस्कान आ गई।

अब देश की जनता समझ गई है कि घुसपैठियों की चिंता टीएमसी+कांग्रेस+आप+वामपंथी+ डीएमके+सपा+आरजेडी+एआईएमआईएम समेत सभी विपक्षियों को है और दलित,पिछड़े,गरीब हिंदुओं की चिंता सिर्फ भाजपा को है।–डा.पिंटू हाथ चमकाये।

ए सरजी! तनी “नागरिक संशोधन बिल” के समझायीं त!!–मुखियाजी मेरी ओर देखकर।

मुखियाजी, भाजपा ने 2019 के चुनाव मेनिफेस्टो में कहा था कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षक के लिए सिटीजन अमेंडमेंट बिल को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।इस बिल के अनुसार-पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आये शरणार्थियों को जिन्होंने 31दिसम्बर 2014 से पहले जो  हिन्दू,सिख,जैन, पारसी और ईसाई ने भारत में शरण मांगी थी उन्हें भारत की नागरिकता देने का कानून है।
यह बिल पुनर्वास और नागरिकता के कानूनी बाधाओं को दूर करता है।इसका उद्देश्य पिड़ित शरणार्थियों को सम्मानित जीवन जीने का अधिकार देना है।यह कानून नागरिकता देने का कानून है किसी भारतीय की नागरिकता छिनने का कानून नहीं है चाहे किसी धर्म का हो।कोविड महामारी के चलते इसे लागू करने में देरी हुई। ये कानून ऐसे पिड़ितों के लिये है जिसे भारत के सिवा कहीं शरण नहीं है।इस कानून से लाभार्थियों की धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक पहचान की रक्षा होगी और आर्थिक, व्यवसायिक, फ्री मूवमेंट, संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार सुनिश्चित होंगे।–मैं चुप हुआ।

ए सरजी, मोदीजी ने तो ऐसी गुगली फेंकी है कि विपक्ष भंवरजाल में फंस चूका है।विरोध कर रहे हैं तो हिंदू वोटर नाराज होगा और समर्थन करेंगे तो भाईजान मुंह फूलां लेंगे। मोदी जैसे खिलाड़ी से पार पाना, बड़ा कठिन है। हां मुस्लिम भाईयों को कट्टरपंथियों के बहकावे में नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि इस कानून से उनपर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।अच्छा अब चला जाय।–कहकर उमाकाका उठ गये और इसके साथ हीं बैठकी भी……!!!!!

  प्रोफेसर राजेंद्र पाठक(समाजशास्त्री)