भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे का कहना है कि सीमा पर हालात स्थिर, लेकिन संवेदनशील हैं. जनरल मनोज पांडे ने पूर्वी लद्दाख विवाद पर चीन का नाम लिए बिना कहा कि उत्तरी सीमा पर हालात सामान्य होने के साथ ही संवेदनशील भी है. सेना प्रमुख का कहना है कि यहां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सैन्यकर्मी तैनात हैं और सैनिकों की यह संख्या बनाई रखी जाएगी.
पूर्वी लद्दाख पर सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कहा कि हमारी परिचालन तैयारियां उच्च स्तर पर बनी हुई हैं. पूर्वी लद्दाख में एलएसी मुद्दों का समाधान खोजने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है. उन्होंने गुरुवार को दिल्ली में सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2023 में देश की सीमाओं पर हिंसा के मामले कम हुए हैं. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे जम्मू एंड कश्मीर को लेकर कहा कि हम एलओसी पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के भीतरी इलाकों में भी हिंसा में कुल मिलाकर गिरावट आई है.
‘सेना ने राष्ट्रहित के लिए बड़े और अहम निर्णय लिए’
सेना अध्यक्ष का कहना है कि भारतीय सेना ने राष्ट्रहित के लिए बड़े व अहम निर्णय लिए हैं. सेना में समय की मांग के अनुरूप आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर को अधिक सामंजस्यपूर्ण और मजबूत बनाया गया है. मणिपुर की स्थिति पर सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा कि संयुक्त प्रयास से बहुत हद तक मणिपुर में शांति स्थापित हुई है. उन्होंने सेना के लिए कहा कि हमें सभी स्पेक्ट्रम में कार्य करने में सक्षम बनना होगा.
जनरल मनोज पांडे ने बताया की सेना में नई टेक्नोलॉजी को शामिल किया जा रहा है. सेना अध्यक्ष ने कहा कि बेहतर संचार सिस्टम, ड्रोन व सर्विलेंस सभी को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत अर्थव्यवस्था के मामले में मजबूती से आगे बढ़ रहा है. भारतीय सेना देश की विभिन्न एजेंसियों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करती रहेगी.
सेना प्रमुख ने बताया कि परिवर्तनकारी मानव संसाधन पहल, एक परियोजना है, जो न केवल हर साल सेवानिवृत्त होने वाले 62,000 से अधिक भारतीय सेना के सैनिकों के लिए उत्पादक और उपयोगी रोजगार के लिए मंच तैयार करेगी, बल्कि हमारे दिग्गजों के कौशल और रोजगार को भी सशक्त बनाएगी.
साइबरस्पेस क्षमता को बढ़ाया
सेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय सेना की साइबरस्पेस क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. भारतीय सेना के जवानों को प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और संस्थागत, प्रक्रियात्मक और तकनीकी उपायों के माध्यम से साइबर डोमेन का प्रभावी ढंग से दोहन करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.