पटना में एनसीईआरटी की कितने खत्म, छात्र तथा अविभावक परेशान

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ पटना के बाजारों में इन दिनों एनसीईआरटी की किताबों की भारी किल्लत देखी जा रही है। नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन कई कक्षाओं की किताबें अब तक बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है और अभिभावक चिंतित हैं। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव के कारण अब किताबों की नई एडिशन की मांग बढ़ गई है। हालांकि, बाजार में केवल कक्षा एक, दो, तीन और छह की ही नई किताबें उपलब्ध हैं। जबकि कक्षा चार, पांच, सात और आठ की किताबें अब तक बाजार में नहीं पहुंच पाई हैं। पटना के प्रमुख किताब बाजारों में अभिभावक लगातार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। कदमकुआं स्थित ज्ञान गंगा, अशोक राजपथ, राजेंद्र नगर सहित अन्य प्रमुख दुकानों पर किताबों की भारी डिमांड है। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें जितनी मांग की जाती है, उसके मुकाबले महज 25 से 30 प्रतिशत ही किताबें मिलती हैं। यही वजह है कि थोड़ी ही देर में स्टॉक खत्म हो जाता है। सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही मान्य हैं, लेकिन जब बाजार में किताबें नहीं मिल रही हैं तो अभिभावक मजबूरी में निजी प्रकाशकों की किताबें खरीद रहे हैं। ये किताबें काफी महंगी हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। कक्षा 9 से 12 तक की किताबें पुराने एडिशन में उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ विषयों की किताबें उनमें भी नहीं मिल पा रही हैं। कुछ छात्र पुराने एडिशन से काम चला रहे हैं, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत हुए बदलाव के कारण यह समाधान भी अस्थायी है। अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन की मांग है कि एनसीईआरटी जल्द से जल्द किताबों की आपूर्ति सुनिश्चित करे ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। किताबों की कमी से न सिर्फ छात्र प्रभावित हो रहे हैं बल्कि स्कूलों में भी पाठ्यक्रम को समय पर पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा है। इस पूरी स्थिति से साफ है कि शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े सुधार की आवश्यकता है, ताकि हर साल बच्चों और अभिभावकों को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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