औरंगाबाद में पुलिस के दोहरी नीति व मापदंड से पुलिस के गुड़ पुलिसिंग पर सवालिया निशान।

समाज जागरण , आलोक शर्मा , जिला संवाददात्ता औरंगाबाद (बिहार)

औरंगाबाद (बिहार) 17 दिसम्बर 2022 :- औरंगाबाद जिले में पुलिस के दोहरी नीति व मापदंड से पुलिस के गुड़ पुलिसिंग पर सवालिया निशान लग चुका है और.नगर निकाय चुनाव के दौरान विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस के दोहरी नीति एवं मापदंड जिले के प्रशासनिक व्यवस्था को सलालों के कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि नगर निकाय के चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान देव में नगर निकाय के चुनाव लड रहे गुड्डू चंद्रबंशी एवं सुनील सिंह का डीजे बजता हुआ प्रचार वाहन को देव पुलिस द्वारा जप्त कर लिया गया था वहीं चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नबीनगर में एक प्रत्याशी ने अपने सैंकड़ों समर्थकों द्वारा प्रचार वाहन में डीजे बांधकर नवीनगर थाना के मुख्य प्रवेश द्वार पर चुनाव का प्रचार प्रसार व प्रदर्शन किया गया और पुलिस खड़े होकर देखते रही। ।

औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक और जिला वासियों के समक्ष यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि औरंगाबाद में गुड़ पुलिसिंग है या पुलिस का दोहरा चरित्र है? आखिर जिला वासियों के बीच दिलों दिमाग में यह सलाल कौंधता रहा है और सभी अपने सवाल का जबाव पुलिस अधीक्षक से वह भी मीड़िया के माध्यम से जानना चाहते है। क्या सवालों का जबाब पुलिस कप्तान द्वारा दिया जायेगा या फिर जिला वासियों के दिलों दिमाग में यह सवाल कौंधते रहेगा?
औरंगाबाद जिले में पुलिस का दोहरा चरित्र का मामला इन.दिनो सुर्खियों में है और हमेशा पुलिस के दोहरे चरित्र पर सवाल उठते रहता । हाल के दिनों में गुड़ पुलिसिंग का धज्जी उड़ते लोग देखते रहे हैं।
बता दें कि बालू के अवैध उत्खनन और शराब कारोबारियों के विरुद्ध कुछ थाना में पुलिस द्वारा कार्रवाई किया जाता है तो कुछ थानों के इर्द-गिर्द दिन के उजाले में भी नदी से निर्भीकता पूर्वक लोग बालू के अवैध उत्खनन करते है ।
कारोबारियों के समक्ष या तो पुलिस प्रशासन बौना साबित हो रही है पुलिस अप्रत्यक्ष रूप से कारोबारियों को संरक्षण दे रही है। आखिर पुलिस का दोहरा चरित्र अथवा मापदण्ड जिले में कब तक देखा जाएगा और कब तक लोग चुप्पी साधे रहेगें यह सवाल भी जनमानस के बीच कौंध रहा है।
औरंगाबाद जिले के पुलिस कप्तान के नेतृत्व में जिले में होने वाले मासिक अपराध गोष्ठी और अपराध गोष्ठी में दिए गए पुलिस अधीक्षक का आदेश महज रुटीन वर्क है या पुलिस अधीक्षक का आदेश बेअसर साबित हो रहा है? यह सवाल मीडिया की सोच से भी परे हो चुके हैं।

जिला मुख्यालय में दिन के उजाले में शहर के अति व्यस्त इलाका कर्मा रोड में चंद माह पूर्व अपराधियों द्वारा एक महिला को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल करना, आए दिन जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हत्या, लूट , चोरी और छेड़खानी करने का मामला प्रकाश में है लेकिन पुलिस अधीक्षक इसे नियंत्रित करने में असफल और बेअसर साबित हो रहे हैं आखिर क्यों यह भी आम लोगों के बीच एक अबुझ पहेली बना हुआ है। आखिर जिले में अपराध अपराध के बढ़ते ग्राफ एवं अवैध कारोबार , संपदा की लूट के पीछे किसकी हाथ है और जिले के प्रशासन मौन किस कारण से है और इसके लिए जबादेह कौन हैं, यह सवाल लोग मीड़िया से पुछते हैं।