ठंड के मौसम में बच्चे के शरीर का तापमान गिर जाता है, जिसमें इफिक्शन होने का डर ज्यादा बना रहता है: डॉ. प्रो. पूजा भारती

जरा संभल के:सर्दी में शिशुओं का रखें ज्यादा ख्याल

बिहारीगंज।

कड़ाके की ठंढ के मौसम ने दस्तक दे दी है। बहुत जरूरी है कि सर्दी में बीमारियों से बचने के लिए बच्चों का ख्याल रखा जाए।
ठंड के मौसम में बच्चे के शरीर का तापमान गिर जाता है जिसमें इफिक्शन होने का डर ज्यादा बना रहता है। कटिहार मेडिकल कॉलेज कटिहार में पदस्थापित स्त्री प्रसुति एवं बांझपन रोग विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक एसोसिएट प्रोफेसर
डॉ. प्रो. पूजा भारती ने अपने बिहारीगंज क्लीनिक में कहा कि सर्दी के मौसम में नवजात बच्चों को देखभाल करना जरूरी है साथ हीं 6 महीने तक के छोटे बच्चे को मां का दूध ही पिलाएं। ठंड के मौसम में बच्चे के शरीर का तापमान गिर जाता है, जिसमें इफिक्शन होने का डर ज्यादा बना रहता है। सर्दी के मौसम में एक महीने तक के बच्चे में निमोनिया ज्यादा होने का डर होता है और कोल्ड इंजरी का खतरा भी लगातार बना रहता है, जिससे बच्चे का मुंह नीले होना और हाथ-पैर में सूजन की शिकायत आती है। ऐसे में बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। उन्होंने बताया कि नवजात शिशु का शरीर बहुत ज्यादा सेंसेटिव होता है और थोड़ा सा भी मौसम बदलने से उसकी तबीयत खराब हो जाती है, ऐसे में आपको घर के तापमान का ध्यान रखना होगा। सर्दियों के मौसम में घर में हीटर का इस्तेमाल करे जिससे तापमान गर्म रहेगा और बच्चे की तबीयत ठीक रहेगी। बच्चे को रोज न नहलाएं सर्दियों के मौसम में नवजात को रोज नहीं नहलाना चाहिए, हफ्ते में कुछ दिन बना ले और केवल उन्हें दिन में शिशु को नहलाएं और कोशिश करें की धूप में ले जाकर नहलाएं। रोज नहलाने से शिशु को सर्दी लग सकती है जिससे और बीमारियाँ बढ़ने की आशंका
है।
ज्यादा ठंड में न घुमाएं कई बार हमें घर से बाहर जाने के दौरान समय ख्याल आता है कि बच्चे को भी ले चलते है जो की गलत है, जो तापमान आपके लिए सामान्य है वो बच्चे के लिए बहुत
ठंडा है और ऐसे में उसे बाहर घुमाना खतरे से खाली नहीं है क्योकि ठंड के मौसम में तबीयत बिगड़ने से यह लंबे समय तक बनी रहती है।
शिशुओं का ठंड से ऐसे करें बचाव

ज्यादा सुस्त रहने व दूध न पीने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। ठंडी हवा चल रही हो तो कपड़े से ढक कर रखे।
बच्चे को दो पहिया पर सामने मुंह कर के न बैठाए, इससे उसे सांस लेने में परेशानी होगी। ज्यादा ठंड लगने पर बच्चा मां का दूध पीना बंद कर देता है। ठंड में हाथ- पैर नीले व ठंडे होने से पता चल जाएगा कि बच्चे को ठंड लग चुकी है।