बीमा कंपनी को देने होंगे 1.46 करोड़ रुपए, कोर्ट ने विधवा के पक्ष में सुनाया फैसला

आगरा। महिला ने पति की मौत के बाद बीमा कंपनी में क्लेम किया। कंपनी ने पहले से बीमारी होने का कारण बताकर क्लेम को निरस्त कर दिया। जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य डॉ. अरुण कुमार ने बीमा कंपनी से कहा है कि वो आदेश के 45 दिन के भीतर महिला को 1,46,42,000 रुपए 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ अदा करे। साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के एक लाख रुपए और वाद व्यय के 10 हजार रुपए भी देने होंगे।

आपको बता दें कमला नगर बी ब्लाक निवासी शालिनी अग्रवाल ने आयोग में वाद प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि उनके पति राहुल अग्रवाल ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी उद्योग विहार गुरुग्राम हरियाणा से 4 जनवरी 2020 को मैक्स लाइफ स्मार्ट टर्म प्लान की पॉलिसी ली थी। वार्षिक प्रीमियम 1,21,864 रुपए थी। बीमा की राशि 1.50 करोड़ थी । किस्त का भुगतान 10 साल तक किया जाना था।

पॉलिसी में था 10 लाख का दुर्घटना बीमा कवर

पॉलिसी के अंतर्गत 10 लाख का दुर्घटना बीमा कवर भी था। पॉलिसी में वह नॉमिनी थीं पॉलिसी की शर्त के अनुसार 4 जनवरी 2066 को पूर्व अवधि पर बीमा पॉलिसी के पूरे रुपए देना तय था। पॉलिसी में यह शर्त निश्चित की गई थी कि यदि बीमित व्यक्ति की मौत पॉलिसी टर्म के दौरान होती है तो समस्त बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा।

हार्ट अटैक से हुई थी पति की मौत

शालिनी ने बताया कि पति की 4 फरवरी 2022 को हार्ट अटैक से मौत हो गई। 7 मार्च 2022 को उन्होंने कंपनी की सारी औपचारिकता पूरी करते हुए क्लेम किया। बीमा कंपनी ने पहले से बीमारी होने की वजह से मौत का कारण बताकर क्लेम 6 अगस्त 2022 को खारिज कर दिया। विधिक नोटिस का भी जवाब नहीं दिया। लेकिन जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य डॉ. अरुण कुमार ने बीमा कंपनी से कहा है कि वो आदेश के 45 दिन के भीतर महिला को 1,46,42,000 रुपए 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ अदा करे। साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के एक लाख रुपए और वाद व्यय के 10 हजार रुपए भी देने होंगे।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट