क्या आपको कोरोना डरा रहा है ? तो रहिए बी निगेटिव !

समाज जागरण

क्या आपको कोरोना डरा रहा है तो आप इस टिप्स से काफी हद तक अपने आपको बचा सकते है। मै कोई नयी बात नही बताने जा रहा हूँ। बस इतना कहना है कि आप मोदी जी को सुनिये, राहुल जी को सुनिये या सुनिये योगी जी को लेकिन रहिए बी निगेटिव। क्योंकि पाॅजिटिव होने का मतलब ही तो कोरोना है। आप ठान लिजिए कि “घास की रोटी खा लेंगे लेकिन जालिम को जिल्ले इलाही नही कहेंगे” ।

कोरोना अभी मइके से रवाना हुई नही है कि दुनिया भर के समाचार पत्रों में सुर्खियों में है। तरह तरह के भ्रामकता फैलाये जा रहे है जिसमें कुछ बुद्धिजीवि पत्रकार है तो ज्यादातर कांपी पेस्ट प्रोफेशनल। बस उनको तो खबर मिल जाये बिना सोचे समझे ही काॅपी पेस्ट करेंगे और आपके व्हाटसअप ग्रुप सोशल मिडिया पर छोड़ देंगे। आप इन्बाक्स की तरफ इन भ्रामक खबरों को छाटते रहते है और आगे भेजते रहते है। खैर कुछ भी कीजिए लेकिन रहिए निगेटिव।

आप जानते है पहली लहर के मुकाबला दूसरी लहर में कोरोना नेंं ज्यादा सितम ढाया था। लोगों का मानना है कि इसका कारण कोरोना का ज्यादा शक्तिशाली हो जाना नही था बल्कि आपके मन में कोरोना के प्रति साकारात्मकता था। अब जहाँ विचार मिला कोरोना वही पहुँच गया। फिर क्या था जो हुआ वही होना था। जहाँं लोग कोरोना के प्रति पाॅजिटिव कम मिले वहां कोरोना भटका तक नही। कभी भूले भटके पहुँच भी गया तो ज्यादा कुछ करने में कामयाब नही रहा था।

अब फिर से कोरोना के आने के गम में अखबार मैगजिन, टीवी दिन रात रोना धोना शुरू किया हुआ है निश्चित तौर पर वातावरण का असर तो आप पर होगा लेकिन आपको इसके बावजूद भी निगेटिव ही रहना है। सरकार के द्वारा दिए गए गाइ़डलाइन का पालन अवश्य कीजिए। लेकिन इसका यह मतलब नही कि आप घर में अकेले बैठे है तो भी दो-दो मास्क लगाकर बैठे रहे। मास्क भीड़-भाड़ के लिए है अकेले के लिए नही। आपको निगेटिव ही रहना है।

इसके अलावा आप घास-पात खा सकते है। जैसे पालक, बथूआ, पपीता के पत्ते का इस्तेमाल लगातार करते रहने से आपका बचाव होता रहेगा। क्योंकि यह सभी इम्यूनिटी बुस्टर जो है। ध्यान रखिये डर के आगे जीत है।