*दैनिक समाज जागरण अतुल सोनी*
चोलापुर क्षेत्र के गोसाईपुर मोहांव में बाबा भोले शंकर धर्मशाला समिति के तत्वाधान में मंदिर के प्रांगण में आयोजित भागवत पुराण की कथा के आज पांचवें दिन मथुरा से आए कथावाचक ‘राजेंद्र तिवारी’ ने भगवान कृष्ण के जन्म की कथा को याद करते भक्तगण को कथा का रसपान कराया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
कंस, जो अपनी बहन देवकी के आठवें पुत्र द्वारा मारे जाने की आकाशवाणी से डर गया था, ने अपनी प्रजा पर अत्याचार किया और देवकी को कारागृह (जेल) में डाल दिया। लेकिन भगवान विष्णु ने देवकी के गर्भ से कृष्ण को बचाने के लिए एक योजना बनाई।
कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में, कंस के कारागृह (जेल) में हुआ था। लेकिन भगवान विष्णु ने कृष्ण को गोकुल में नंद और यशोदा के घर में ले जाने के लिए कहा, जहां वह पले-बढ़े।
कृष्ण के जन्म के बाद, कंस ने देवकी के पुत्र को मारने का प्रयास किया, लेकिन भगवान विष्णु ने उसे बचा लिया। कृष्ण ने गोकुल में अपना बचपन बिताया और बाद में वह मथुरा में कंस को मारने के लिए आए।
कृष्ण का जन्म दुष्टों का नाश करने के लिए हुआ था। उन्होंने कंस, पूतना और अन्य दुष्टों को मारकर अपनी प्रजा को सुरक्षित किया।
कथावाचक राजेंद्र तिवारी ने कहा कि आज भागवत पुराण की इस कथा के अवसर पर, हम भगवान कृष्ण के जन्म की कथा को याद करते हैं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करने का प्रयास करें।
वहां पर “धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भाव हो,
और विश्व का कल्याण हो” का उद्घोष सभी लोगो द्वारा किया गया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष भूतपूर्व सूबेदार मेजर लल्लन यादव, अपने सहयोगियों महेंद्र यादव और रमेश सेठ द्वारा मिलकर वासुदेव को, अपने पुत्र को टोकरी में सर पर रखकर नदी पार करते हुए अद्भुत लीला मंचन किया गया। इस अवसर पर गोविंद गुप्ता, नन्दन गुप्ता, शिवम वर्मा, घनश्याम सेठ, पांचू विश्वकर्मा, मिथिलेश तिवारी, मेरस मोदनवाल, मैनुद्दीन अंसारी उर्फ लुल्लन और महिला भक्त रेनू यादव,सरिता यादव,बिंदु विश्वकर्मा आदि सैकड़ो भक्तगण उपस्थित थे, वह लोग भक्ति भाव से कथा का श्रवण करते हुए अभिभूत हुए।
