कृष्णा नदी मैं प्रदूषण व ग्रामीणों की मौत का कौन जिम्मेदार

रिपोर्ट:- रितिन पुंडीर




सहारनपुर /नानोता क्षेत्र के गांव भनेड़ा खेमचंद से होकर गुजरने वाली कृष्णा नदी को आज काली नदी का नाम दे दिया गया है जिसका कारण उसमें सरकारी वह गैर सरकारी फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा जल प्रवाहित किया जाता है जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वह लगातार क्षेत्र में कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी बढ़ रही है जिसका कारण सिर्फ और सिर्फ नदी में छोड़े जाने वाला गंदा पानी है कृष्णा नदी जलवायु प्रदूषण मुक्ति समिति द्वारा संजय प्रजापत सुपुत्र हरपाल प्रजापत आयु 29 की केंसर से हुई मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया गया। मृतक मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।परिजन हरपाल के मुताबिक दिल्ली में एक निजी अस्पताल में भर्ती संजर पर काफी पैसा खर्च करने के बाद भी हम जिन्दगी नहीं बचा पाए, वृद्ध हरपाल पर अब संजय के बच्चों का भी ज़िम्मेदारी आ पड़ी है। साईकिल मैन सोमपाल पुंडीर, कर्मवीर सिंह, विक्रम, कुलदीप सिंह पुंडीर, रितुराज राणा गोपाल सिंह आदि का प्रशासन शासन ओर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर भनेड़ा खेमचंद के लोगों की आकस्मिक मौतों के प्रति गंभीर न होने पर रोष प्रकट किया। क्यूंकि लगातार प्रदूषण गन्दे नालों के माध्यम से कृष्णा नदी में डाला जाता है।