क्षमावाणी महापर्व पर जैन धर्मावलम्बियों ने भूलों के लिए की क्षमायाचना



करुणा एवं मैत्री भाव को प्रदर्शित करती है क्षमा: दीपक जैन

रीता कुमारी, ब्यूरो चीफ, दैनिक समाज जागरण

नवादा(बिहार)। क्षमावाणी महापर्व पर जैन धर्मावलम्बियों ने अपने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष भूलों के लिए एक-दूसरे से क्षमायाचना की। इस अवसर पर जैन समाज से जुड़े लोगों ने गौतम गणधर स्वामी की निर्वाणभूमि नवादा नगर स्थित श्री गोणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र के साथ ही अस्पताल रोड स्थित दिगम्बर जैन मन्दिर में रविवार को प्रातः दैनिक अभिषेक-पूजन के पश्चात क्षमावाणी धर्म की विशेष पूजा-अर्चना की। मंगल आरती के पश्चात पूर्व में हुई भूलों के लिए जिनेन्द्र प्रभु से क्षमायाचना की। इस अवसर पर दीपक जैन की भक्तिमय प्रस्तुति पर उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे।
श्री गोणावां जी सिद्ध क्षेत्र पर क्षमावाणी महापर्व के बारे में चर्चा करते हुए जैन समाज के दीपक जैन ने कहा कि क्षमावाणी का पर्व प्राणिमात्र के प्रति करुणा एवं मैत्री भाव के साथ ही विश्वबंधुत्व की भावना को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि क्षमा वीरों का आभूषण है। क्षमा मांगना एवं क्षमा करना मानव का श्रेष्ठ गुण है, जिसे धारण करनेवालों के जीवन में कभी भी शत्रु नहीं होते। नवादा जैन मन्दिर में क्षमावाणी के महत्व की चर्चा करते हुए अनिल भैया ने कहा कि क्षमा सबसे पहले उनसे मांगनी चाहिए अथवा करनी चाहिए, जो आपके सबसे बड़े दुश्मन हैं। ऐसा करने से शत्रुत्व की भावना नष्ट हो जाती है और जीवन में मैत्री भाव का संचार होता है। दोनों मन्दिरों में मौके पर मौजूद जैन समाज के लोगों ने पूर्व में हुई अपनी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भूलों के लिए क्षमायाचना की।
मौके पर दीपक जैन, राजेश जैन, संजय जैन, उदय जैन, अभय जैन, सत्येन्द्र जैन, सुनील जैन, ज्ञानचंद जैन, जय कुमार जैन, रमेशचंद जैन, अनिल जैन, संदीप जैन, लक्ष्मी जैन, मधु जैन, अनिता जैन, ममता जैन, रजनी जैन, श्रुति जैन, श्रेया जैन एवं अंकिता जैन सहित भारी संख्या में जैन समाज से जुड़े लोग उपस्थित थे।