दैनिक समाज जागरण अनील कुमार संवाददाता नबीनगर (औरंगाबाद)
नबीनगर (बिहार) नवीनगर प्रखंड के पांडेय कर्मा गांव में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हो रहे जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रशासन और किसानों के बीच जमकर नोक झोंक हुई। किसानों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन को बिना जमीन अधिग्रहण किए बैरन वापस लौटना पड़ा।रविवार को नबीनगर के अंचलाधिकारी निकहत परवीण पूरे दल बल के साथ जमीन का अधिग्रहण करने पहुंची थी लेकिन उन्हें किसानों के आक्रोश को देखते हुए बैरन वापस लौटना पड़ा।किसानों का कहना था कि जब तक उन्हें जमीन का उचित और न्याय संगत मुआवजा नहीं मिलेगा, वह एक इंच जमीन भारतमाला परियोजना को नहीं देंगे। किसान यूनियन के जिला संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह सहित अन्य किसान नेता उक्त स्थल पर पहुंचकर विरोध किया।कई बार किसानों और प्रशासन के बीच कई बार टकराव की स्थिति बनी। बाद में प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। जिला संयोजक वशिष्ठ प्रसाद ने बताया कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के अपर सचिव दीपक कुमार ने पत्र निर्गत कर सभी डीएम को भूमि अधिग्रहण में आ रही समस्या को लेकर पांच सदस्यीय समिति का गठन का निर्देश दिया गया है जो जमीनों का सात प्रकार से वर्गीकरण कर नए सिरे से दर निर्धारण करेंगे। यहां उनके आदेश का कोई पालन नहीं हो रहा है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा किसानों को अनदेखा कर भूमि अधिग्रहण करना संविधान और लोकतंत्र के विरुद्ध है। इसी परियोजना के अंतर्गत धनीचार के किसानों को मगध कमिश्नर ने प्रति डिसमिल 30620 का चार गुणा मुआवजा दर तय किया है। प्रभावित किसानो ने कहा कि बिना मुआवजा दिए जमीनों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। माली थानाध्यक्ष दीपक कुमार रायने बताया कि किसानों के द्वारा जमीन अधिग्रहण का कार्य मुआवजा मांगों को लेकर बंद करा दिया गया है। किसानों का कहना था कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, अधिग्रहण का कार्य नहीं होगा।

