नाइट ब्लड सर्वे-दिघल्बेंक के अठगछिया पंचायत की मुखिया ने किया अभियान का विधिवत उद्घाटन

राहुल : दैनिक समाज जागरण किशनगंज
जिले में फाइलेरिया रोग के प्रसार की दर के सटीक आकलन के लिए दिघल्बेंक पीएचसी से नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत की गयी. सभी 7 प्रखंड के एक -एक पंचायत व किशनगंज नगर परिषद क्षेत्र सहित कुल 08 स्थान को सेनिटल सेशन साइट संचालित करने को लेकर चिह्नित किया गया है. सेशन साइट का संचालन रात साढ़े आठ बजे से 12 तक किया जाना है. जहां 20 साल से अधिक उम्र के लोगों का ब्लड सैंपल जांच के लिये संग्रह किया जा रहा है. सभी सेशन साइट पर प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी प्रतिनियुक्त किये गये है. इसी कड़ी में दिघल्बेंक प्रखंड के अठगछिया पंचायत की गुलशन आरा ने सोमवार की रात आयोजित शिविर का विधिवत उद्घाटन किया. वहीं किशनगंज ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के उद्घाटन कार्यक्रम में डीवीबीसीओ डॉ मंजर आलम स्वयं मौजूद हुए. अभियान के पहले दिन 734 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए. इस संबंध डॉ मंजर आलम ने कहा कि प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे अभियान आगामी 26 जून तक चलाया जाएगा. अभियान के तहत कुल 4800 सौ रक्त के नमूने लेने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान की खासियत है कि इसमें रक्त के नमूने रात के आठ बजे से लेकर 12 बजे तक लिए जाते हैं. रात में इसके सैंपल लेने का मुख्य कारण है कि शरीर में फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा एक्टिव होते हैं. ब्लड सैंपल कलेक्शन के बाद 24 घंटे के अन्दर स्टैनिंग की प्रक्रिया को करा लिया जाएगा.
संभावित मरीजों का पता लगाने के लिहाज से सर्वे महत्वपूर्ण-

शिविर में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने उपस्थित लोगों को कार्यक्रम के संबंध में समुचित जानकारी दी. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को रोग का पता वर्षों बाद चलता है. तब तक बीमारी लाइलाज हो चुकी होती है. शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं. इसलिये नाइट ब्लड सर्वे संभावित रोगियों का पता लगाने का बेहतर जरिया है. संभावित मरीजों का पता लगाने के लिये जिले में विशेष अभियान संचालित है.
सामूहिक भागीदारी से जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया –
दिघल्बेंक अथ्गाछिया पंचायत की गुलशन आरा ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है. रोग के प्रसार को नियंत्रित करने की दिशा में हर स्तर पर जरूरी प्रयास किया जा रहा है. इसमें समुचित सहयोग हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है. इसलिये उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर लोगों को जांच के लिये प्रेरित किया.