सीट नहीं तो एंट्री नहीं: भारतीय रेलवे ने किया नियमों को और सख्त ।

नमस्कार मै रमन कुमार

1 मई से रेलवे ने अपने नियमों को और सख्त किया है। अगर आपके पास मे वेंटिंग लिस्ट है या फिर जनरल टिकट है तो आप स्लीपर या एसी कोच मे सफर नही कर सकते है। रेलवे ने नो सीट नो इंट्री का नियम लागू किया है। हालांकि यह नियम तो पहले से भी है लेकिन रेलवे के टीटी ही जब पैसे लेकर स्लीपर या फिर एसी बोगी मे जनरल सवारी को सफर करने की सुविधा मुहैया कराये तो फिर नियम कौन लागू करेगा। जनरल टिकट तो एक बार समझ मे भी आते है लेकिन रेल मे तो बिना टिकट यात्रा करने वालों का कमी भी नही है। बिहार से दिल्ली की तरफ आते समय अलीगढ़ जक्शन पर और दिल्ली से बिहार की तरफ जाने वाली गाड़ियों मे मुगलसराय के बाद लोकल सवारियों को भीड़ आपको एसी बोगी मे भी कुंभ के समय की भीड़ का सुखद अनुभव करवा सकता है। शिकायत नंबर और सोशल मिडिया एकाउण्ट पर आप शिकायत कीजिए तो रेलवे आपसे पीएनआर नंबर और डिटेल मांगते मांगते ही आपके सफर को पूरा करवाने की दमखम रखता है लेकिन कार्यवाही नही होगी।

भारतीय रेलवे एक बड़ा बदलाव किया है जिससे आप उम्मीद कर सकते है ही आपको सुखद यात्रा करने का अनुभव मिलेगा। मिलेगा या नही इस बात की गारंटी न तो मेरे पास मे है और न ही तो रेलवे के पास मे । फिर भी आप उम्मीद तो कर ही सकते है क्योंकि उम्मीद पर ही तो दुनिया कायम है और रेलवे भी दुनिया मे ही है। 1 मई से वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को स्लीपर या एसी कोच में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, भले ही वे पहले ही ट्रेन में चढ़ चुके हों तो उन्हे बाहर जाने के लिए कहा जायेगा। यह नई नीति उन लोगों के लिए एक सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है जिनके आरक्षण होने की पुष्टि हो चुकी होगी।

वेटिंग लिस्ट टिकट यात्रा: अनुमति नहीं
सालों से, यात्री वेटिंग लिस्ट टिकट के साथ अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं, उम्मीद करते हैं कि कोई खाली बर्थ मिल जाए या किसी साथी यात्री को अपनी जगह साझा करने के लिए मना लें। लेकिन इस नए नियम के साथ, भारतीय रेलवे एक सख्त रेखा खींच रहा है: बिना कन्फर्म सीट के, आपको आरक्षित कोच में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि आप किसी कोच में घुसने की कोशिश करते हैं, तो आपको जुर्माना लगाया जा सकता है या आपको सामान्य डिब्बे में ले जाया जा सकता है, जहाँ सीट की गारंटी नहीं होती है।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इसका लक्ष्य कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना और सीटिंग व्यवस्था को लेकर भ्रम या विवाद को कम करना है। उम्मीद है कि ये सख्त उपाय ट्रेन यात्रा में व्यवस्था और आरामदायक बनाने की एक कोशिश है।

IRCTC ऑनलाइन वेटिंग लिस्ट टिकट
ये बदलाव ऑनलाइन बुकिंग पर भी लागू होंगे। अगर आप IRCTC के ज़रिए टिकट बुक करते हैं और अंतिम चार्ट तैयार होने तक यह कन्फर्म नहीं होता है, तो आपका टिकट अपने आप रद्द हो जाएगा। यह कदम आखिरी समय में होने वाली अनिश्चितता को खत्म करता है और बुकिंग प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाता है, जिससे ओवरबुक होने की संभावना कम हो जाती है। हालांकि यह नियम पहले से ही मौजूद है।

इसके अलावा रेलवे ने यात्रियों की सहायता के लिए अब ट्रैन मे एटीएम मशीन की व्यवस्था भी करने जा रही है। फिलहाल यह व्यवस्था एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत मनमाड और मुंबई के बीच चलने वाली पंचवटी एक्सप्रेस में शुरू किया गया है। पहले लगेज रखने की जगह पर लगाया गया यह ATM यात्रियों को यात्रा के दौरान नकदी निकालने की सुविधा देता है, जो उन लोगों के लिए मददगार विकल्प है जो ATM तक सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों से यात्रा करते हैं।

अगर आप 1 मई के बाद यात्रा कर रहे हैं, तो याद रखें: वेटिंग लिस्ट टिकट के साथ अगर आप स्लीपर या फिर एसी मे सफर करते पकड़े जाते है तो आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। रेलवे ने सभी यात्रियों से अनुरोध किया है कि जनरल टिकट लेकर या फिर बिना कन्फर्म टिक्ट के साथ एसी या फिर स्लीपर बोगी मे सफर न करे।

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