ओपीएस यथावत रखने की स्थिति स्पष्ट करें – गहलोत*


पिंडवाड़ा(राजस्थान):- केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए आंठवा वेतन आयोग का गठन करने में अनावश्यक विलम्ब व राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को यथावत रखने की स्थिति स्पष्ट नहीं करना चिंताजनक यह उद्घार राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के जिला स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन के समापन अवसर पर प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने बनारसी धर्मशाला पिंडवाड़ा में व्यक्त किये।
               राजस्थान शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार गहलोत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आठवां वेतन आयोग का गठन 2023 में हो जाना चाहिए था लेकिन केंद्र सरकार द्वारा एक वर्ष से अधिक समय गुजरने के बाद भी गठन की दिशा में केंद्र सरकार की पहल नजर नहीं आ रही है। जो बहुत ही खेदजनक एवं घातक है। राज्य सरकार कर्मचारियों को मिल रही पुरानी पेंशन योजना को यथावत रखने की स्थिति सत्ता पर काबिज़ होने के बावजूद स्पष्ट नहीं होना कर्मचारियों के साथ छलावा हो रहा है।वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ हनवन्त सिंह मेड़तिया ने कहा कि शिक्षकों के विरुद्ध शिक्षा मंत्री की बयान बाजी पर अधिवेशन में उपस्थित सैकड़ो शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के प्रति नाराजगी जताकर निंदा प्रस्ताव पारित किया। राज्य सरकार को मिल रही सुविधा के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को संगठन कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। जिलाध्यक्ष देवेश खत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में सैकड़ो पद रिक्त होने से शिक्षण कार्य जबरदस्त प्रभावित हो रहा है। सरकार ने समय रहते पदोन्नति का कार्य जल्द से जल्द नहीं किया जाता है तो स्थिति और खराब होगी।जिला मंत्री इनामुल हक कुरैशी ने कहा कि शिक्षा विभाग नई भर्ती में विलम्ब और सभी संवर्गो की पदोन्नति प्रक्रिया को चालू कर व्यवस्था सुधार की तरफ ध्यान देना चाहिए। जिला सभाध्यक्ष भगवत सिंह देवड़ा एवं अधिवेशन संयोजक कांतिलाल मीणा ने सभी आगंतुक शिक्षकों को सजग रहकर कार्य करने के साथ अधिवेशन में आने पर धन्यवाद व्यापित किया।
                इस अवसर पर आबूरोड अध्यक्ष सत्यनारायण बैरवा, सिरोही अध्यक्ष इंद्रमल खंडेलवाल, शिवगंज मंत्री जोराराम मेघवाल, रेवदर अध्यक्ष राहुल कुमार, मंत्री धर्मेन्द्र कुमार खत्री, भीखाराम कोली, गुरूदीन वर्मा, पूर्णिया परिहार, सविता बैरवा, शाहिस्ता परवीन, ममता दाधीच, इंदिरा, हेमलता पाराशर, हरिराम कलावंत, रमेश रांगी, सुरेश  वसेटा, रमेश दहिया, अमित लोहार, नारायण सिंह देवड़ा, रमेश परमार, रघुनाथ मीणा, चुन्नीलाल मीणा, दिनेश मीणा, मोतीराम देवासी, शांतिलाल लोहार, बलवंत सिंह राठौड़, महेंद्र पाल, भंवरलाल हिंडोनिया, अशोक मालवीय, गोपाल राम रावल, लोकेश चारण, महेन्द्र कुमार, नेनाराम गरासिया, धनाराम गरासिया सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।

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