व्यौहारी। शहडोल जिले की लगभग 34 रेत खदानों के समूह का ठेका मुंबई की सहकार ग्लोबल लि. ने लिया है लेकिन रेत कंपनी द्वारा किए जा रहे रेत के बेलगाम परिवहन पर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। मनमानी इस कदर की जा रही है कि लगभग हर हाइवा में औसतन 5-5 घनमीटर अधिक रेत भर कर हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए कंपनी द्वारा काले धन के रूप में एकत्र किए जा रहे हैं। कंपनी में बैठे लोग बेलगाम होकर ओवरलोड वाहन को धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ा रहे हैं लेकिन पुलिस और प्रशासन खामोश बैठा है। शहडोल जिले के ब्यौहारी सहित संभागीय मुख्यालय के अलावा जिले भर में मालवाहकों की निर्धारित क्षमता से अधिक रेत भर कर बेलगाम परिवहन किया जा रहा है। रेत की ओवरलोडिंग को लेकर जयसिंहनगर ,ब्यौहारी से देवलोंद तक का क्षेत्र पहले से ही चर्चाओं में बना रहता है। हालांकि थाना प्रभारी ओवरलोडिंग पर प्रतिदिन तीन से चार गाड़ियों पर कार्रवाई करते हैं लेकिन ऐसे वाहनों पर लगाई जाने वाली जुर्माने की राशि दो से पांच हजार रुपए तक सीमित रह जाने और प्रशासन द्वारा कड़े कदम न उठाए जाने के कारण रेत के परिवहन में मनमानी का सिलसिला थम नहीं रहा है।यदि नियमों की बात की जाए तो हाइवा में 17 घनमीटर रेत भरने की अनुमति है लेकिन इसमें कम से कम 22 यानि 5 घनमीटर अधिक रेत भरी जाती है। एक हाइवा यानि 17 घनमीटर रेत का बाजार मूल्य 32 हजार रुपए है। यानि 1882 रुपए प्रति घनमीटर। हर हाइवा में 5 घनमीटर अधिक रेत होने का मतलब 9 हजार 441 रुपए का माल। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार प्रतिदिन लगभग 80 हाइवा रेत खदानों से निकल रही है। इस लिहाज से हर दिन करीब 7 लाख 52 हजार रुपए की 400 घनमीटर रेत ओवरलोडिंग के जरिए चुराई जा रही है। महीने में यही आंकड़ा 12 हजार घनमीटर और 2 करोड़ 25 लाख रुपए का हो जाता है।
वाहनों की बॉडी से किया जाता है छेड़छाड़
रेत की ओवरलोडिंग पर प्रशासन की नजर ना पड़े इसके लिए वाहनों की बॉडी से छेड़छाड़ करते हुए 6, 9 व 12 इंच तक के पटरे, बॉडी कलर से मिलते जुलते लगा दिए जाते हैं और तो और, रेत के परिवहन में नियमों का पालन हो रहा है यह बताने और ओवरलोडिंग से ध्यान भटकाने हरे रंग की ग्रीन नेट डाल दी जाती है ऐसा नहीं है कि शहडोल जिले में ओवरलोडिंग का खेल कोई नया है बल्कि कई वर्षों से कंपनी द्वारा खेला जा रहा है जिसमें परिवहन यातायात एवं पुलिस विभाग की मिलीभगत भी रहती है।