पत्रकारों पे जानलेवा हमले मामले में कारवाई नहीं क्यों? क्या अनुसंधान में चलेगा लिपापोती*

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संवाददाता गजेन्द्र कुमार जिला गया बिहार

बोधगया थाना क्षेत्र के अमवां, प्रखंड कृषि कार्यालय में खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के इशारे पर डीलरों द्वारा गया के दो पत्रकार पर जानलेवा हमले के मामले में अब तक किसी भी तरह का कार्रवाई नहीं क्यों?एफ०आई ०आर दर्ज होने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं
क्या? पुलिस एफ ०आई ०आर को कागज़ के टुकड़े समझ रखी हैं? या मामले में लगे संगिन धाराओं को जमींदोज़ करना चाह रही हैं? आखिर कौन दिलाएगा पत्रकार को न्याय? एफ० आई० आर दर्ज होने के बाद कारवाई नहीं क्यों? अनुसंधान में चल रही है लीपापोती का खेल? स्थानीय बोधगया थाना में मुकदमा दर्ज किया गया जिसका थाना कांड संख्या 207/22 है अनुसंधानकर्ता अधिकारी धर्मेंद्र कुमार को बनाया गया लेकिन अभी तक इन धाराओं 341/323/379/109/34 में किसी भी तरह का कार्यवाही नहीं आखिर गया का सुशासन क्या कह रही है? एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में सुशासन की सरकार की बात करते हैं। वही गया के बोधगया विदेशी पर्यटक थाना बोधगया कहा जाता है लेकिन थाना क्षेत्र के अमवा हमराही पेट्रोल टंकी के सामने प्रखंड कृषि कार्यालय में दो पत्रकार रमेश कुमार और गजेंद्र कुमार के साथ अधिकारी, डीलरों मिल कर जानलेवा हमला किया था जिसकी प्राथमिकी थाने में दर्ज किया गया लेकिन करवाई नगन्य है इससे सुशासन पर सवाल यह बताती है कि अपराधियों को थाना के अधिकारियो द्वारा अनुसंधान व एफ० आई ०आर में कोताही बरतने के कारण अपराध फल फूल रहा है।